नमामि देवी नर्मदे के जयकारो के साथ प्रांरभ की पंचकोशी यात्रा
धरमपुरी (गौतम केवट) - धार जिले की तहसील धरमपुरी में श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव की नगरी में हजारों श्रद्धालुओ ने आकर आस्था की डुबकी लगाई उसके बाद श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव की विधि विधान से पुजा कर मन में आस्था व श्रद्धा का भाव भरकर हजारों श्रद्धालु शुक्रवार को पांच दिवसीय पंचक्रोशी यात्रा के लिए रवाना हुए। पुण्य सलिला मां नर्मदा दर्शन व जल भर एक हजार से अधिक यात्री श्री बिल्वामृतेश्वर नर्मदा पंचक्रोशी पदयात्रा में ढोलक की थाप पर भजन गाते हुए व नर्मदे हर के जयकारे लगाते हुए श्रद्धालु नगर से गुजरे। नगर में कई स्थानों पर आत्मीय स्वागत किया गया। निमाड़ की भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालु उत्साह के साथ यात्रा में शामिल हुए।
श्री रेवांचल पंचक्रोशी पदयात्रा समिति द्वारा संचालित श्री बिल्वामृतेश्वर नर्मदा पंचक्रोशी पदयात्रा शुक्रवार को यहां से रवाना हुई। यात्रा प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ल निर्जला एकादशी से प्रारंभ होकर वट सावित्री पूर्णिमा पर संपन्ना होती है। दो वर्ष पश्चात निकली पंचक्रोशी पदयात्रा में एक हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चे भी शामिल हैं। पुण्य सलिला मां नर्मदा में स्नान के पश्चात श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव के दर्शन व ओंकार ध्वजा के पूजन के साथ यात्रा प्रारंभ हुई। जिसका कठोरा, ब्राह्मणगांव, हतनावर, पगारा, कालीबावड़ी व अन्य यात्रा मार्ग पर जगह-जगह समाजसेवियों द्वारा अल्पाहार, भोजन आदि की व्यवस्था की ।
यह पांच दिन में 75 कि.मी. चलेगी यात्रा । यह धरमपुरी से प्रारंभ होकर खलघाट, कठोरा, ब्राह्मणगांव, हतनावर, पगारा, कालीबावड़ी, मांडू, तारापुर, चंदावड़, धेगदा आदि गांवों से होकर 14 जून को पुनः धरमपुरी पहुंचेगी। रात्रि विश्राम श्रीराम मंदिर ग्राम कठोरा, गणेश मंदिर ग्राम पगारा, नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर मांडू व चतुर्भुज श्रीराम मंदिर मांडू में होगा। पांचवें दिन यात्रा धरमपुरी पहुंचेगी। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह समाजसेवियों द्वारा अल्पाहार, भोजन आदि की व्यवस्था की जाएगी। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं द्वारा नर्मदा तट पर कढ़ाई कर (हलवा प्रसादी का भोग लगाकर) अपने गंतव्य के लिए रवाना होंगे।
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