प्रदुषण कंट्रोल बोर्ड के नियमों को ताक मे रख आका कंपनी अपने काम को दे रही है अंजाम
कोयले की उड़ती छार से श्रमिकों सहित आसपास के ग्रामीणो की जान से किया जा रहा है खिलवाड़
आका लजिस्टिक कंपनी की बड़ी लापरवाही ध्यान नहीं दे रहे जवाबदार
बीड़ (सतीश गम्बरे) - संत सिंगाजी पांवर परियोजना मे प्रथम चरण के कोल हैंडलिंग का काम कर रही आका लजिस्टिक कंपनी नियमो को ताक पर रख कर काम कर रही है विडंबना है की लगातार कंपनी की कमियां एवं खामियां उजागर होने के बाद भी इस परियोजना प्रबंधन संबंधित जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई न करने पर विवश हैं आका कंपनी द्बारा परियोजना मे कार्यरत मजदूरो सहित क्षेत्रीय लोगो के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है जिसमें कोल हैड़लिग प्लांट से प्रतिदिन क्रेशरों के माध्यम से कोयला बारीक पीस कर कन्वेयर से बायलर तक पहुचाया जाता है कोयला बारीक पीसा होने के कारण एवं कन्वेयर की सफाई नही होने से इसके कण हवा मे बड़ी मात्रा में उड़ते हुए देखे जा सकते है जिससे कार्य कर रहे मजदूर कर्मचारी सहित आस पास सभी गावो के लिए जानलेवा साबित हो रहा है
इस कार्य शेली से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमो की जमकर धज्जिया उड़ाई जा रही है उल्लंघन होता दिखाई दें रहा है लेकिन परियोजना मे भरपूर सेटिंग से आका कंपनी के हौसले बुलंद है जानकारों के अनुसार उड़ रहे कोयले से कई प्रकार की बीमारियां शरीर में उत्पन्न हो सकती है । जिसमें आंखों में जलन ,सांस लेने में तकलीफ, चर्म रोग .दमा सहित कई प्रकार की बीमारियों को सीधे-सीधे बुलावा दिया जा रहा है। यहा पदस्थ अधिकारीयो को ध्यान देकर शीघ्र ही कोल हैंडलिंग का कार्य कर रही आका लाजिस्टिक कंपनी पर इस लापरवाही पर रोक लगाकर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
मजदूरो के साथ साथ इन गावो के लोगो के स्वास्थ पर पड़ रहा है गंभीर असर
कोयला डस्ट उड़ाने से परियोजना मे काम कर रहे मजदूरो सहित ग्राम दोंगालिया .भगवानपूरा .भोरलाए .जलकुंवा सिन्धखाल .धारकवाडी .बीड .दोहद सीवरीया दिनकरपूरा सहित कई ग्राम के लोगो को गंभीर बीमारी होने का डर बना हुआ है
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनीनियमों के विपरीत करा रही है कार्य
परियोजना के प्रथम चरण में कोल हैंडलिंग का काम कर रही आका लाजिस्टिक कंपनी के द्वारा काम के दौरान नियमों की जमकर अवहेलना की जा रही है लेकिन इस पर रोक नहीं लग पा रही है। कभी कोयला खाली नही होता कभी वेतन वृद्धि को लेकर श्रमिक हड़ताल करते हैं तो कभी सुरक्षा सेफ्टी की मांग तो कभी पीने के पानी को लेकर मजदूरो को संघर्ष करना पड़ता है जानकारों के अनुसार अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के चलते कहीं ना कहीं परियोजना के जवाब दार अधिकारियों के द्वारा आका कंपनी को मनमानी करने की खुली छूट दी हुई है।
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