कार्यपालक निदेशक जबलपुर से सिंगाजी परियोजना पहुचे समय पर कोयला नही हो रहा था खाली
मेन पावर की कमी से आई समस्या ऐसी ही कार्य प्रणाली से टर्मिनेट हो चुकी है पूर्व मे एक कंपनी
पूर्व एम डी की कंपनी हितेषि विचार धारा होने से हुआ था तत्कालीन जवाबदार अधिकारियो का निलंबन सहित स्थानांतरण ॥
लोकल सहित बीरसींगपुर .हरियाणा .से आये मजदूर
जब मेन पावर ही पर्याप्त नही था तो केसे निकल रहे है बिल जांच का विषय
बीड (सतीश ग़म्बरे) - संत सिंगाजी पावर परियोजना मे सी एच पी का कार्य करने वाली आकालजिस्टिक कंपनी से समय पर कोयला खाली नही कर पाने के मामले को मुख्यालय ने संज्ञान मे लेकर कार्यपालक निदेशक बी एल नेवल को परियोजना भेजा था जो निरिक्षण कर शनिवार वापस जबलपुर पहुचे है आका कंपनी द्बारा कम संख्या मे श्रमिको से काम कराया जा रहा था जिससे इतनी बड़ी समस्या उत्पन्न हुई मामला सुर्खियों मे आने ओर रेल्वे पेनाल्टी तीन गुना होने पर अधिकारियो की नींद खुली ओर पता चला आका कंपनी जरूरत से बहुत कम श्रमिको से काम करा रही थी कंपनी को पत्र व्यवहार होने के बाद अब जाकर तत्काल मे हरियाणा से 20 श्रमिक .बीरसींगपुर से 38श्रमिक .ओर 60 श्रमिक लोकल से अब काम मे लगाये गए जो कोयला खाली सहित साफ सफाई का काम कर रहे है ऐसी ही कार्य प्रणाली को लेकर पूर्व मे एक कंपनी को टर्मिनेट कर ब्लेक लिस्ट किया जा चुका है क्योकि जेन्को के पूर्व एम डी अनूप कुमार नंदा की अपनी कंपनी हितेषि विचार धारा होने से तत्कालीन जवाबदेह अधीक्षण यंत्रियों को भी निलंबन सहित स्थानांतरण का कोप सहना पड़ा था यहा क्या होता है ये देखने योग्य होगा ॥
जब मेन पावर कम था तो बिल केसे पास कीये जा रहे थे ये जांच का विषय
आका लजिस्टिक कंपनी के पास पर्याप्त श्रमिक नही होने से परेशानी काफी समय से अा रही थी लेकिन सब मिली भगत से चल रहा था तभी कोयले की रेक ज्यादा संख्या मे आने से सारी पोल खुलने लगी अगर आका कंपनी के पास कम श्रमिक चल रहे थे तो आका कंपनी के बिल केसे पास हुए जा रहे थे ये विषय गंभीर एवं जांच करने योग्य है जांच होगी य़ा नही ये ॥
वर्जन
श्रमिक कम नही है अभी काम ज्यादा बढ़ गया है इसलिए श्रमिक बढ़ाए है
अनिल कुमार शर्मा
मुख्य अभियंता संत सिंगाजी पावर परियोजना
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