तेरापंथ धर्म संघ की साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी का संथारा सहित समाधि मरण | Terapanth dharm sangh ki sadhvi pramukha shri kankaprabhaji ka santhara sahit samadhi maran
तेरापंथ धर्म संघ की साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी का संथारा सहित समाधि मरण
*पेटलावद तेरापंथ धर्म संघ समाज द्वारा रखे अपने प्रतिष्ठान बंद*
पेटलावद (संदीप बरबेटा) - श्री जैन श्वेताम्बर तेरापन्थ धर्मसंघ की शासनमाता असाधारण साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी का संथारा सहित समाधि मरण आज गुरुवार प्रातः 8:45 बजे नई दिल्ली में देवलोकगमन हो गया।
शोक उपरांत पेटलावद तेरापंथ धर्म संघ समाज द्वारा अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे गए तथा नगर में नवकार मंत्र के जाप तथा धर्म अनुष्ठान किए जा रहे हैं,
गौरतलब है कि वर्तमान में साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी अध्यात्म साधना केंद्र नई दिल्ली में प्रवासित थे।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापन्थ धर्मसंघ के 11वे अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमण जी ने उनकी भावना अनुसार आज प्रातः 7-27 बजे तिविहार संथारे व 8.30 बजे चौविहार संथारे का प्रत्याख्यान करवाया।आपश्री ने करीब 1 घण्टे 18 मिनट के तिविहार संथारे व करीब 15 मिनट के चौविहार संथारे सहित समाधिमरण को प्राप्त किया।
साध्वीप्रमुखाश्री की अस्वस्थता को देखते हुए स्वयं आचार्यश्री महाश्रमणजी राजस्थान से उग्र विहार करते हुए 6 मार्च को दिल्ली पधारे व तब से लगातार उनकी चित्त समाधि हेतु जागरूक रहे।
तेरापन्थ धर्मसंघ के 9 वे आचार्यश्री तुलसी ने 14 जनवरी 1972 को उन्हें साध्वीप्रमुखा पद पर मनोनीत किया ।
आचार्यश्री तुलसी ने 30 जनवरी 1979 राजलदेसर में महाश्रमणी अलंकरण व 8 नवम्बर 1991 को संघ महानिदेशिका के रूप मे प्रतिष्ठित किया था।
आप श्री धर्मसंघ के 10 वे अनुशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के शासनकाल में भी निरन्तर प्रदान करते रहे।
कुछ वर्षों पूर्व आपके जीवन के विशिष्ट गुणों व धर्मसंघ
को दी जा रही अभूतपूर्व सेवाओ का मूल्यांकन करते हुए आचार्यश्री महाश्रमण जी ने 1 अगस्त 2016 को असाधारण साध्वीप्रमुखा का सम्बोधन प्रदान करवाया।
साध्वी श्री के साध्वीप्रमुखा पद मनोनयन के 50 वर्ष(स्वर्ण जयंती) पूर्ण होने पर आचार्यश्री ने *शासन माता* अलंकरण से अलंकृत किया। पेटलावद तेरापंथ समाज के अनुयायियों द्वारा बताया गया कि साध्वी प्रमुखा एक प्रभावशाली साध्वी , धीर -गम्भीर व्यक्तिव ,प्रखर वक्ता ,प्रबुद्ध साहित्यकार ,गहन लेखिका ,नैसर्गिक कवियत्री ,धर्मसंघ व गुरु के प्रति सर्वात्मना समर्पित ,कुशल सम्पादिका ,प्रशासक व प्रबंधन वेत्ता थे तथा धर्म संघ में आपके योगदान तथा आपके धर्म मार्गदर्शन लंबे काल तक आपका यशःशरीर लाखो लोगो के जीवन मे अध्यात्म प्रेरणा का दीप प्रज्ज्वलित करता रहेगा।
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