अब बकरीयों में भी सफल कृत्रिम गर्भाधान होगा
राजोद (रामलाल सगित्रा) - आम तौर पर कई वर्षों से मादा पशुओ में उन्नत नस्लो से कृत्रिम गर्भाधान होता आ रहा है।। लेकिन समीप के ग्राम साजोद निवासी सुनील धाकड़ (गोसेवक)ने द गोट ट्रस्ट लखनऊ NGO व पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा यूनिवर्सिटी मथुरा उत्तर प्रदेश से प्रशिक्षण लेकर क्षेत्र में गरीबो की गाय कही जाने वाली बकरियों के उन्नत नस्लो से कृत्रिम गर्भाधान शुरू किया है। बकरियों में यह विधि नई है, फिर भी क्षेत्र में पशुपालन विभाग से जुड़े होने से धाकड़ द्वारा बकरी पालको को इस कृत्रिम गर्भाधान विधि से उन्नत नस्लो जमुनापारी, बरबरी, सिरोही,बीटल जैसी सीमेन से क्रॉस करवाने की सलाह दी गई। जिस पर कई बकरी पालको द्वारा बकरी के गर्मी की सूचना देकर कृत्रिम गर्भाधान करवाया गया।अब तक धाकड़ द्वारा शुरुआत में 10 बकरियों को उन्नत नस्ल से क्रॉस किया गया जिसमे 7 बकरियों ने उन्नत मेमनों को जन्म दिया।। धाकड़ का कहना है कि हर पशुपालक आर्थिक स्थिति के कारण उन्नत नस्लो के बकरों को रखने में असमर्थ होता है वहीं इस विधि से मनचाही नस्लो से वह बकरी गर्भित करवा सकते है।।क्षेत्र में यह बड़ी पहल है उन्नत नस्लो से अधिक मुनाफा कमाया जा सकेगा।
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