टंट्या मामा की शहादत को अनोखी मांग के साथ नमन किया | Tantaya mama ki shahadat ko anokhi mang ke sath naman kiya
टंट्या मामा की शहादत को अनोखी मांग के साथ नमन किया
शहादत दिवस को समाज की सँस्कृति के सरंक्षण दिवस के रूप में याद करा जाए
नानपुर (मांगीलाल वर्मा) - हामु आखा आदिवासी छे, हामु एक छे ।इसी उदघोष के साथ आज नानपुर सहित आस पास के आदिवासी समाज के युवाओं ने टंट्या मामा की शहादत दिवस के अवसर पर आयोजन में दिखा।
समाज सेवक संजय कलेश (वास्कल) और मूलसिंह चौहान तीती (नानपुर) के मार्गदर्शन में शहादत दिवस मनाया गया महामानव, भगवान शहीद टंट्या मामा भील (रॉबिन हुड) जिन्होंने आपने दम खम से हजारो आपसी झगड़ो को ग्रामसभा के माध्यम से समाधान के कई कार्य किया जो आदिवासी समाज के लिए गर्व व अनुकरणीय का विषय है।
उस गौरव मय परम्परा के अनुसार उनके श्री चरणों को प्रणाम करते हैं ।
उसी परम्परा को आज हम सभी आदिवासी क्षेत्रों में समाज को बांटने व संस्कृति को विमुख करने के प्रयास को नकारते हुए ।
हम अपनी जमीन, जंगलऔर जल के संरक्षण के साथ संकल्प धारण कर चलने का प्रयास कर रहें हैं ।
यह बात तँत्या मामा पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में उभरी।
इसी तारतम्य में नानपुर के आदिवासी संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सँस्कृति बचाओ अभियान चलाकर जो योजना शासन प्रशासन द्वारा चल रही है ,उसका लाभ सच्चाई के साथ पहुंचना उद्देश्य होगा .
साईंधाम परिसर में उनकी फोटो पर माल्यार्पण, अगरबत्ती और आदिवासी रीति अनुसार महुआ की दारू का धार डालकर संजय कलेश (वास्कल) और मूलसिंह चौहान ढाबा नानपुर के सानिध्य में उन्हें आदरांजली समाज सेवक मोहित बघेल, विकास बारीक,रेम सिंह किराड़े दसरथ चौहान सुनील सोलांकी महेश चौहान राकेश चोहान जितेंद्र कलेश रवि कलेश रुमाल कलेश गगनदीप पटेल पंकज कलेश दिलीप वसुनिया, सुरसिंह चौहान, पप्पी चौहान, नितेश चौहान, जितेंद्र कलेश, कैलाश भंवर आदि ने दी ।
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