नकली मामा मंजुर नही, टंट्या मामा हमारे असली मामा | Nakli mama munjur nhi tatya mama hamare asli mama

नकली मामा मंजुर नही, टंट्या मामा हमारे असली मामा

क्रांतिवीर टंट्या मामा के शहादत दिवस पर

आदिवासी समाज ने विषाल रैली निकालकर श्रद्धांजली दी

नकली मामा मंजुर नही, टंट्या मामा हमारे असली मामा

आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - स्थानीय आदिवासी समाज एवं जयस के तत्वाधान मे आदिवासी महानायक, क्रांतिवीर, अमर शहीद टंटया मामा भील के बलिदान दिवस पर समाजजनो ने षनिवार को नगर मे ढोल-मादल एवं डीजे की धुन पर थिरकते हुए विषाल रैली निकाली। रैली टंटया मामा स्मारक पर पहुंची ओर आदिवासी संस्कृति के अनुरूप परम्परागत तरीके से गायणा कर पूजारा, पटेल, बडवो द्वारा देशी दारू की धार डालकर, बकरे एवं मुर्गे की बली देकर पूजा-पाठ अर्चना कर जय सेवा जोहार कर श्रद्धांजली दी। इस दौरान समाजजन सहित अतिथियो ने बारी-बारी से श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर बडी संख्या मे आदिवासी समाजजन उपस्थित थे। 

नकली मामा मंजुर नही, टंट्या मामा हमारे असली मामा

*नारेबाजी करते हुए निकाली रैली* 

स्थानिय टंकी मेदान पर षनिवार दोपहर को आदिवासी समाजजन एकत्रित हुए। यहां से समाजजन ढोल-मादल एवं डीजे की धुन पर थिरकते हुए नगर के प्रमुख मार्गो से एक विषाल रैली निकाली। रैली मे युवाजन आदिवासी पारंपरिक वेषभुषा एवे पिले रेग की पंगडी पहने हुए चल रहे थे। रैली मे समाजजन एक तीर-एक समान, आदिवासी एक समान, हमु आखा एक छे, आदिवासी एकता जिंदाबाद, टंट्या मामा अमर रहे के नारो से नगर गुंज उठा। रैली का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। रैली टंटया मामा स्मारक पर पहंुची जहां पर समाजजनो ने श्रद्धासुमन अर्पित की। पष्चात टंटया मामा स्मारक समीप एक सभा का आयोजन किया गया। गुजरात से आए वक्ता प्रोफेसर अर्जुन भाई राठवा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि टंट्या भील मामा ने आदिवासियों के लिए कुर्बानी दी है। कुछ लोग इतने गिर गए हैं कि टंट्या भील मामा की तुलना नकली मामा से कर है और नकली मामा अपने स्वार्थ के लिए आज क्या-क्या कर रहे हैं, अपने वोट बैंक के लिए आदिवासियों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। हमारा टंट्या भील मामा ही असली मामा है, दूसरा मामा आदिवासियों को मंजूर नहीं है। शंकर भाई तड़वाल ने आदिवासी बोली में क्रांतिकारी महानायक टंट्या भील मामा की विस्तृत एवं प्रमाणित जानकारी से परिचय कराते हुवे अवगत कराया। क्षेत्रीय विधायक मुकेश पटेल ने मप्र सरकार को आडे हाथो लेते हुए कहा कि इतने वर्षो के बाद टंट्या मामा की याद आ रही है। मप्र सरकार ने पिछले कई सालों से उनकी अनदेखी की, अब टंट्या मामा को याद कर राजनिति का ढोंग कर रहे है। आदिवासी समाज पढा लिखा है, वह सब जानता है। सरकार ढोंग कर आदिवासी विकास विभाग का करोडों रुपए भोपाल एवं इंदौर ले जाकर पानी की तरह बहाये जा रहे हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल ने कहा कि टंट्या भील मामा के नाम से प्रेरणा केंद्र स्थापित करने के लिए टंट्या मामा गाता के पीछे पुराने थाने की खाली जमीन को आदिवासी समाज को अलाट करने की मांग की। क्रांतिकारी सौरवा के छितु किराड़ की पुरानी गढ़ी को छितु किराड़ प्रेरणा केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति की मांग की। संयुक्त कलेक्टर कार्यालय के सामने बगीचे में भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति लगाने की मांग की हैं। जिसकी आदिवासी समाज लंबे समय से मांग करने आये हैं। जोबट में भी बहुत जल्द बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडर की मूर्ति समाज के सहयोग से लगाने की बात की हैं। पटेल ने कहा कि मप्र सरकार वास्तविक आदिवासियों की हितैषी हैं तो उक्त मांगे तत्काल करें। 

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*कतिपय संगठन आदिवासी समाज मे म्रम फेला रहे है*

जयस मप्र प्रभारी मुकेश रावत ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह अगर आप आदिवासियों के सच्चे हितैषी हैं, तो 5वीं अनुसूची तत्काल लागू करें ओर संवैधानिक हक अधिकार देवे। साथ ही आदिवासी समाज के कर्मचारियों को परेशान करना छौड़ दे, अन्यथा आने वाले समय में आदिवासी समाज मुंहतोड़ जवाब देंगा। शंकर बामनिया ने कहा कि सभी आदिवासी सामाजिक संगठनों का एक उद्देश्य है, आदिवासी को अब एक बाटली में खरीद नही सकते हैं। कुछ कतिपय संगठन आदिवासी समाज मे म्रूम फेलाकर उसे ताडने का काम कर रहै है, लेकिन वह उसमे सफल नही हांेगे। रमेश डुडवे कहा कि यह आदिवासी समाज के जनसंगठनों की ताकत है कि आपकी गूंज दिल्ली से भोपाल तक सुनाई दे रही है। इतने सालों से पार्टियों के लोगों को टंट्या भील मामा एवं बिरसा मुंडा याद नही आया है, अब अचानक क्या हो गया है, आदिवासी लोग आपके नाटक को अच्छी तरह से समझ गए हैं। बसंत अजनार ने टंट्या भील मामा के बलिदान के ऊपर प्रेरणाप्रद एवं क्रांतिकारी गीत गाकर अदारांजलि दी। कार्यक्रम को नवलसिंह मण्डलोई ने भी संबोधित किया। टंट्या भील मामा के बलिदान दिवस पर रातभर गायणा एवं पूजा पाठ किया गया। कार्यक्रम का स्वागत भाषण अरविंद कनेश ने दिया। संचालन जयस जिलाध्यक्ष विक्रमसिंह चैहान ने किया एवं आभार आकास जिला उपाध्यक्ष केरामसिंह जमरा में माना।

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