प्राचीन मान्यता अनुसार सनावद में पीरानपीर बाबा दरगाह पर लुटाई जाती है डेग | Prachin manyata anusar sanawad main piranpeer baba dargah pr lutai jati hai deg

प्राचीन मान्यता अनुसार सनावद में पीरानपीर बाबा दरगाह पर लुटाई जाती है डेग

बडवाह (विशाल कुमरावत) - सोमवार को सनावद के पीरानपीर बाबा दरगाह पर परम्परागत जरदार अली बान अली परिवार के सबसे बडे बेटे कादर सेठ की मन्नत थी उसी परंपरा को कायम रखते हुए  डेग लुटाई गई। आस्था के साथ विश्वास कौमी एकता के लिए देश प्रदेश में प्रशिद्ध टेकरी पर स्थित बाबा पीरानपीर दरगाह पर ली गई मन्नत की न्याज (लंगर) डेग पहाड़ी की तलहटी पर बनाई जाती है। जिसमे चांवल गुड़ और मेवे डाले जाते है। जिस देग में यह न्याज बनती है वह भी प्राचीन समय की बनी हुई है। सोमवार  को मरहूम जरदार सेठ के परिजनों की ओर से न्याज का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें डेढ क्विंटल चांवल डेढ क्विंटल गुड़ के साथ पचास किलो सूखे मेवे डाले गये। दरगाह पर सन्दल चादर चढ़ा कर शाम को 5 बजे हजारो लोगो की भीड़ मे फातेहा ख्वानी के बाद बिस्मिल्लाह कहते ही सेकड़ो युवक गर्म उबलते हुए चांवल को बाल्टियों में भर भर कर डेग से निकालने की मशक्कत करने लगे वर्षो से आयोजित यह परम्परा में आज तक किसी को चोट नही लगी है।

जिसे बाबा का करिश्मा बताते है।

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