प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय द्वारा बड़ी उत्साह के साथ दीपावली का पर्व मनाया गया
प्राचीन परंपरा अनुसार इस दिन मिट्टी का दीपक जलाकर अंधकार भरी अमावस को उजाले में बदलता है
मनावर (पवन प्रजापत) - प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा दीपावली पर्व पर प्रकाश डाला आत्मा रूपी दीपक कैसे जलाए। सभी भाई बहनों ने वह माताओं ने आत्मविश्वास का परमात्मा की याद में दीपक जलाया। परमपिता परमात्मा शिव बाबा को भोग लगाकर सबको प्रसाद वितरण किया गया। श्रीमहालक्ष्मी जी स्वरूपरेखा की झांकी भी बनाई गई।जिसे देख सभी भाई बहन व माताएं आनंदित होकर महालक्ष्मी जी की आरती भी उतारी श्रद्धा भाव से। दीपावली हमारा राष्ट्रीय त्यौहार है। हमारी प्राचीन परंपरा अनुसार इस दिन मिट्टी का दीपक अंधकार भरी अमावस को उजाले में बदलता है। आज तो चारों ओर पापचार, दुरचार, भ्रष्टाचार अन्याय, पक्षपात, हिंसा, दिखावा, लोग, क्रोध, अहंकार की घोर अमावस है। ऐसे में हमें भी आवश्यकता है एक ऐसे रोशन दीपक की जो इस मानव व्याप्त अंधकार को मिटाए। कहां से लाए वह दिया? भगवान कहते हैं। हे मानव तेरा शरीर मिट्टी का बना है। इसमें आत्मा और की ज्योति भी है पर वह बुझी हुई है, उसमें आप ज्ञान का घृत नित्य प्रति डाल, भीतर की रोशनी फैलेगी तो बाहर का पापाचार दुराचार सब मिट जाएगा।
अमावस बनी इस दुनिया मे भगवान स्वयं अवतरित होकर आत्माओं की ज्योति जगा रहे हैं। उन्होंने अपना कार्य स्थल बनाया है माउंट आबू और विश्व भर में फैली हजारों शाखाओं के माध्यम से वे यह सेवा पिछले 86 वर्षों से कर रहे हैं।वह दीपराज भगवान हम आत्मा रूपी दीप रानियों में अपना प्रकाश भर रहे हैं। आइए, भगवान को पहचाने, आत्मन को रोशन करे स्वयं को बदल, जग को बदलें।
भगवान आए हैं, नई सतयुग दुनिया का उपहार लेकर। यह युग परिवर्तन की वेला है। कलयुग के अंत और सतयुग के प्रारंभ के इस संगम में आपको । आपके समस्त परिजनों को, मित्र गणों को ,रोशन युग की यादगार दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। नव वर्ष मंगलमय हो।
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