श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर आचार्यश्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की 138 वीं जन्म जयंती मनायी | Shri mohankheda maha tirth pr acharya shri yatindrasurishwar ji ms ki 138 vi janm jayanti manai

श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर आचार्यश्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की 138 वीं जन्म जयंती मनायी

श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर आचार्यश्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की 138 वीं जन्म जयंती मनायी

राजगढ़/धार (संतोष जैन) - श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के अष्टम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज वैराग्ययशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में पीताम्बर विजेता व्याख्यान वाचस्पति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की 138 वीं जन्म जयंती श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर मनायी गयी ।

श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर आचार्यश्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की 138 वीं जन्म जयंती मनायी

इस अवसर पर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि आचार्य यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का जन्म 138 वर्ष पूर्व धोलपूर म.प्र. के बुन्देलखण्ड में हुआ था । आप राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के अत्यंत ही प्रिय शिष्य थे । अपने अंतिम समय में दादा गुरुदेव ने अभिधान राजेन्द्र कोष के लेखन को पूर्ण करने की जिम्मेदारी आपको सौपी थी । आप साहित्य मनीषी थे हमेशा साहित्य लेखन में रत रहते थे । श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ का वट वृक्ष आज हम देख रहे है वह पौधा आप ही के द्वारा लगाया गया था । जिसकी छाया आज हम सभी प्राप्त कर रहे है । आपने अपने अंतिम समय में तीर्थ के विकास की जिम्मेदारी कविरत्न आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के हाथों सुपुर्द की थी । दोपहर में श्री यतीन्द्रसूरि अष्टप्रकारी पूजन का आयोजन दीपावली पंचान्हिका महोत्सव के लाभार्थी धुम्बड़िया निवासी बाबुलालजी धनराजजी डोडियागांधी परिवार की ओर से किया गया । जन्म जयंति के अवसर पर स्वामीवात्सल्य का लाभ राजगढ़ निवासी वीरेन्द्रकुमार शांतिलालजी सराफ परिवार द्वारा लिया गया ।

तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजामल सेठ, ट्रस्टी कमलेश पांचसोवोरा, बाबुलालजी धनराजजी डोडियागांधी ने आचार्य यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के चित्र पर माल्यार्पण किया । माल्यार्पण कर मेनेजिंग ट्रस्टी श्री सेठ ने अपने संस्मरण सुनाते हुऐ कहा कि आचार्य यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. अनुशासन प्रिय थे । आप हमेशा साहित्य लेखन में रहते थे । साहित्य हमारी सम्पदा है । आचार्यश्री ने अभिधान राजेन्द्र कोष के सम्पादन का कार्य किया था ।

श्री सुजानमल सेठ ने जानकारी देते हुऐ बताया कि श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर वरिष्ठ नागरिकों व घुटनों से परेशान व तीर्थ पर गौशाला, भोजनशाला आने जाने के लिये तीर्थ की ओर से बेटरी चलित चार पहिया वाहन की सुविधा आज से प्रारम्भ कर दी गयी है ।

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