श्रीमद भागवत सप्ताह का चौथा दिवस
भिंड (मधुर कटारे) - ग्राम जैतपुरा मढी, *रूप यौवन ,सम्पति धन, बल ताकत पाने बाला ब्यक्ति बुद्धिमान कम विवेक को खो देता है*
श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान कथा में देवी संध्या जी ने बताया ईस्वर सभी की परीक्षा लेता है, सभी को धन सम्पति
रूप यौवन, बल ताकत प्रदान करता है, जो ईस्वर के लिए ओर भले कार्य मे अपनी इन शक्तियों का प्रयोग करता है तो भगवान उसको दुगनी शक्ति प्रदान करता है, ओर जो गलत संगत गलत जगह अपनी इन शक्तियो का प्रयोग करता है ईस्वर उसकी शक्ति का संहार कर लेता है उस ब्यक्ति के पास पक्ष तावे के अलावा कुछ नही मिलता ,जैसे रावण लंका का नरेश लंकेश पति होने के बाद भी मूर्छित हुआ ,राजा दक्ष जो की सारे ब्रह्मांड को जीतने के बाद भी एक बकरे के जैसे मे मे करता रहा और मूर्छित हुआ हिरणा कश्यप के पास सब कुछ होने के बाद भी भक्त प्रहलाद पर प्रसन्न हुए ,एक कहानी भिखारी की सुनाई एक मंदिर के बाहर दो भिखारी बैठे हुए थे ,एक भिखारी भगवान से मांगता है और एक भिखारी राजा से भीख मांगता है ,एक दिन भिखारी ने राजा से कहा कि हे राजन आप के पास तो अखण्ड भंडार है उस भंडार की कुछ बूंदे इस गरीव भिखारी को भी दे दे जिससे इसका जीवन धन्य हो जाये दूसरे भिखारी के पास राजा पहुचा तो भिखारी भगवान से मांग रहा था राजा खड़ा रहा देखता रहा और दुषरे दिन राजा ने पहले बाले भिखारी के लिए मावा से तैयार कर खीर बनाकर उस खीर में सोने की असरफी डाल दी और राजा ने उस भिखारी को पहुचाई जो भिखारी राजा से मांग रहा था सैनिक आता है उस भिखारी को खीर का प्याला देता है कहता है राजा ने खीर पहुचाई है भिखारी खीर को देख कर खुश हो जाता है और खीर खाने लगता है, जब उस भिखारी का खीर खाते खाते पेट भर जाता है तो पास में बैठा भिखारी जो भगवान से मांग रहा था उस भिखारी की ओर अपनी झूठी खीर देता है कहता है ,ले मेने तो पेट भरकर खा लिया अब तू जरा राजा की खीर का स्वाद भी ले ले भिखारी खीर को रख लेता है और ईस्वर का धन्यवाद करते हुए अपने घर चला जाता है ,घर पर जब पहुचा तो उसने सभी परिवार के साथ उस खीर का सेवन करना प्रारम्भ किया सभी ने पेट भरकर खीर खाई जब खीर समाप्त हुई तो उसमें सोने की अशर्फियाँ दिखाई दी जिसको देख भिखारी की आंख आश्चर्य चकित हो गई और उसने ईस्वर का प्रसाद मानकर उन असर्फीयो को रख लिया दूसरे दिन राजा भिखारी का हाल जानने के लिए मंदिर पर पहुँचा तो देखा जिस भिखारी को खीर पहुचाई थी बह भिखारी अपने स्थान पर ही बैठा मांगता मिला लेकिन जो भगवान से मांग रहा था बह मंदिर पर नही मिला जब पूछा तो पता चला कि भगवान ने उसके घर सोने की अशर्फियों की बरसात कर दी और बह बहुत माला माल हो गया ,राजा ने कहा भगवान हमेसा अपने भक्तों का ख्याल रखता है इस लिए सदैव सुख दुख में भगवान का सन्तुष्टि से धन्यवाद देना चाहिए बही आप की नैया पार लगाएगा ।
राजा बलि की कथा का वर्णन कर भगवान कृष्ण की लीला का वर्णन किया ,
भजनों की सुंदर प्रस्तुति देकर सभी भक्तों को देवी संध्या जी ने मुक्त मगन कर लिया और सभी झूम उठे ,।
श्री राधे गोविंदा मन भजले प्यारे प्रभु नाम को,
श्री कृष्ण गोविंद हरे हरे मुरारी हे नाथ नारायण बासुदेवा ,
भगवान कृष्ण की भक्ति में बह सुख है ,जो कि संसार मे किसी भी बस्तु में नही है ,मनुष्य को ईस्वर की शक्ति उसकी भक्ति का गुण गान हमेसा करना चाहिए जिससे उसके पाप का विनाश ओर उसके ऊपर प्रभु की कृपया हमेसा बनी रहे ,।।
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