श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. की पार्थिक देह पंच तत्व में विलीन
अ.भा.सौ.बृ.तपो. त्रिस्तुतिक जैन संघ ने देवलोकगमन पश्चात
’’गुरु मां शिरोमणि’’ पदवी से किया अलंकृत
राजगढ़/धार (संतोष जैन) - श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के अष्टम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज वैराग्ययशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में सेवाभावी शासन ज्योति साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. का अंतिम संस्कार का विधि विधान प्रातः 9 बजे से प्रारम्भ हुआ । साध्वीश्री का अंतिम संस्कार विजय मुहूर्त में श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में किया गया । इस अवसर पर तीर्थ के उपाध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी- बाबुलाल खिमेसरा, चम्पालाल वर्धन, मांगीलाल पावेचा, मेघराज जैन, संजय सराफ, आनन्दीलाल अम्बोर एवं साध्वीश्री संघवणश्रीजी म.सा. के सांसारिक परिवार से नवरत्न संघवी, राजरतन संघवी, मोतीसा महेन्द्र भाई, ऋषभ संघवी, विमल संघवी, सुभाष संघवी, रमेश भंसाली आदि विशेष रुप से सम्मिलित हुए । साध्वीश्री संघवणश्रीजी म.सा. को मुखाग्नि सांसारिक ससुराल पक्ष भंसाली परिवार एवं मायका पक्ष संघवी परिवार द्वारा दी गयी ।
अंतिम संस्कार के विधि विधान के दौरान अखिल भारतीय सौधर्मबृहत्तपोगच्छीय त्रिस्तुतिक जैन संघ की ओर से शासन ज्योति सेवाभावी सरलमना साध्वी श्री संघवणश्रीजी म.सा. को ’’गुरु मॉ शिरोमणि’’ पदवी से अलंकृत किया । कार्यक्रम में मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि दीपावली की एकम से पंचमी तक पंचान्हिका महोत्सव प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी धुम्बड़िया निवासी बाबुलालजी धनराजजी डोडिया गांधी परिवार की और से रखा गया है इस महोत्सव के पश्चात् साध्वीश्री संघवणश्री जी म.सा. के आत्मश्रेयार्थ पंचान्हिका महोत्सव किया जावेगा । इस अवसर पर देश भर से आये विभिन्न ट्रस्ट मण्डलों, आचार्य व मुनि-साध्वी भगवन्तों आदि से प्राप्त शोक संवेदना पत्रों का वाचन किया गया ।
साध्वीश्री के अंतिम दर्शन एवं अंतिम संस्कार हेतु जावरा श्रीसंघ से अनिल चौपड़ा, अशोक लुक्कड, प्रदीप लुक्कड़, राजेश बरमेचा, मदन चौरड़िया, महिदपूर श्रीसंघ से मुकेश बांठिया, झाबुआ श्रीसंघ से सुभाष कोठारी, मनोहर मोदी, अशोक राठोर, संतोष नाकोड़ा, सुरेश कांठी, नागदा श्रीसंघ से मनीष ओरा, अभिषेक जैन, नितेश कोलन, भीनमाल संघ से मफतलाल शास्त्री, राजगढ़ श्रीसंघ से मणीलाल खजांची, सेवन्तीलाल मोदी, राजेन्द्र खजांची, महेन्द्र मोदी, विरेन्द्र सराफ, संतोष चत्तर, दिलीप नाहर, पारस गादिया उज्जैन से विजय गादिया, पारस गादिया, अमझेरा ट्रस्ट की ओर से दिलीप फरबदा, सुरेश जैन सहित देश भर से लगभग 100 से अधिक श्रीसंघों की उपस्थिति रही ।
इन्होने लिया लाभ-
केशलोचन- सांसारिक संघवी परिवार भूति, स्नान- रमेशकुमार मोहनलालजी भंसाली, चंदनविलेपन- राणमल धुम्बड़िया, केसर- मुलचंद पुखराजजी संघवी, वस्त्र- उगमबाई सोहनलालजी वर्धन, चादर- पुष्पेन्द्रकुमार रोशनलालजी वडाला, वासक्षेपपूजा- अनिलकुमार घेवरमलजी नागदा, डोली में आसन- मेघराज चम्पालालजी लोढ़ा, साध्वीश्री को डोली में विराजित करने का लाभ संघवी परिवार भूति वालो ने लिया । बाबुलाल धनराजजी डोडिया गांधी परिवार ने रजोहरण प्रदान किया । काम्बली- रमेशकुमार भंसाली परिवार ने तथा झोली दुधराज लुक्कड़ परिवार ने अर्पित की । गौतम पात्र पवनबेन पनराजजी सेठ ने व रोशनबाई जितमलजी लुक्कड़ परिवार ने मोदक अर्पित किया । अंतिम संस्कार स्थल पर भूमि शुद्धि मुकेशकुमार बांठिया ने की । आरोही पर विराजित करने का लाभ पृथ्वीराज सरेमलजी कोठारी परिवार ने लिया ।
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