संसार मे सबसे बुरी चीज इंसान की जिब्या, मन को चंचल करना ही असल भक्ति का फल है - देवी संध्या जी
भिंड (मधुर कटारे) - श्री मद भागवत कथा में भागवताचार्य देवी संध्या जी ने ईस्वर को सच्चे भक्त की भक्ति का दर्शन कराया कहा इस संसार मे ईस्वर ने दुनिया मे सभी को जो चीज बाटी है बह दो की संख्या में है ,जिसका हर ब्यक्ति हमेशा ध्यान रखे और अपने शरीर की रचना से स्वयं इन चीजों का अध्यन करे ,सुख दुख ,ईर्ष्या प्यार ,सरल कठिन ,इसी प्रकार एक बार राजा ने अपने महल से एलान कराया कि जो बताएगा संसार मे सबसे बुरी चीज क्या है ,उसको इनाम दिया जाएगा ,इस बात को सुनकर नगर में हंगामा मच गया और लोग सबसे बुरी चीज को तलाश करने लगे ,किसी ने गोवर मल मूत्र सड़ा गला खाना आदि लेकर आये तो कोई कुछ लेकर आया कुछ दूरी पर खड़ा एक ब्यक्ति मरे हुए आदमी की जिब्या काटकर ले आया ,राजा ने कहा यह क्या किया तूने यह जिब्या किस की है और यह बुरी चीजो में कैसे आती है ,उस नगर के ब्यक्ति ने उत्तर दिया महाराज यही वह चीज है ,जिससे आदमी कड़वा बोल दे तो ब्यक्ति के दिल मे ठेस लगती है और जब ठेश लगती है तो इंसान कभी भी उसका पक्षतावा पूरा नही कर पाता ,राजा ने कहा अब सबसे अच्छी चीज बताओ जो लेकर आएगा उसको सबसे ज्यादा धन दौलत दी जाएगी, इस बात पर फिर नगर वासी इनाम जीतने की होड़ में लग गए ,कोई शक्कर लाया कोई शहद ,फूल आदि लाया लेकिन बह ब्यक्ति जिब्या ही लेकर आया राजा आश्चर्य से देखते है और बोलते है ,कल भी यही लाया था और आज भी यही लेकर आया है ,तेरा कहने का मतलब क्या है ,नगर वासी बोलता है ,महाराज यही बह चीज है ,इससे मीठा कभी किसी को कुछ मिलेगा भी नही जिब्या ही है ,जिसमे मिश्री से मीठे बोलो के द्वारा सुसज्जित किया जा सकता है और हर बुरे कार्य को बिना मेहनत से आसानी से किया जा सकता है और मीठे बोलो से मिठाई की मिठाश भी कम हो जाती है राजा ने उस नगर वासी को धन दौलत से तौल दिया और अपने राजपाट का राजगुरु का पद दे देता है ।
इसी कहानी के माध्यम से सभी को प्रेम का पाठ पढ़ाया ओर सभी को संसार मे प्यार सदैव अपने साथ भाषा मे रखना चाहिए ईस्वर हमेसा उसको माला माल करता रहेगा ,भगवान कृष्ण की लीला का वर्णन किया पूतना का बध ओर माखन लीला का अध्याय पूरा किया ,भगवान कृष्ण की लीला सुन सभी श्रोता झूम झूम कर कथा में भजन गा हुटे ।मेने मेहदी लगाई कृष्ण नाम की मेने बिंदिया सजाई तेरे नाम की ।
लाडली अद्भुत नजारा तेरे बरसाने में है ।
वे सहारो का सहारा तेरे बरसाने में है ,श्री राधे श्री राधे राधे राधे राधे राधे ,
संसार मे इंसान को वासना ही ठगती है और इंसान हमेसा ठगी का शिकार होता है ,इस लिए हमेसा हमे गोविद की शरण मे जाना चाहिये और उसी से हमे मांगना चाहिए ईस्वर ही हमे सब कुछ देता है और हमे हमेशा उसका धन्यवाद करते रहना चाहिए ।
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