शिविर के पांचवे दिन श्री जिन चंद्र सूरी जी बोले कर्मों के बंधन से छुटकारा पाने के लिए सत्य साधना करना चाहिए
रतलाम (यूसुफ अली बोहरा) - नगर के सेठिया मैरिज गार्डन में चल रहे दस दिवसीय सत्य साधना शिविर के पंचम दिवस पर परम पूज्य श्री पूज्य जी श्री जिन चंद्र सूरी जी महाराज साहब ने साधकों के बीच अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारे दांतो के बीच में जीभ रहती है दांत इतने कठोर होते हैं लेकिन उनके बीच में जीभ का होना व इतने कठोर दांत के बीच में जीभ नहीं कटना ठीक वैसे ही विकारों के रहते हुए हमें अपने कर्मों के बंधनों से छुटकारा पाने का कार्य करना है। जैसे रोड पर ड्राइविंग करते हैं तो रोड पर ट्राफिक के रहते हुए भी हमें गाड़ी चलाना होता है रोड खराब हो तो भी गाड़ी को चलाना होता है ठीक उसी प्रकार कर्मों के बंधन के उदय के समय में हमें सत्य साधना को करते रहना होता है । साधक जवाहर डोसी व शिरीष सकलेचा ने बताया कि शिविर के पंचम दिवस में म.सा. द्वारा साधकों को सत्य दर्शन मैं शरीर की यात्रा विपरीत दिशा में भी करने के निर्देश दिए गए । साधकों ने शिविर के दौरान दिए जा रहे दिशानिर्देशों के मुताबिक अपने आप को सत्य साधना में रख रखा है। साधक साधिका साधना के दौरान शरीर में हलन चलन नहीं करते हैं। साधना के दौरान जिन साधक साधिका को प्रारंभ दिवस से जो आसन आवंटित किया गया है उसी पर बैठकर उन्हें साधना करना होती है ।स्थान परिवर्तन नहीं किया जाता है । ज्ञात रहे शिविर में मुंबई, जयपुर, कोलकाता, सूरत, दिल्ली, बीकानेर, एवं मध्य प्रदेश के अनेक अनेक स्थानों से साधक इसमें हिस्सा ले रहे हैं।