प्रधान जिला न्यायाधीश ने किया जिला जेल का निरीक्षण
उमरिया - प्रधान जिला न्यायाधीष एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उमरिया सनत कुमार कश्यप द्वारा जिला जेल उमरिया का भ्रमण कर जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा बंदियों के लिए आयोजित विधिक सहायता एवं साक्षरता शिविर में सम्मिलित हुए। जिला जेल उमरिया में 08 सजायाफ्ता तथा 180 विचाराधीन बंदी निरूद्व है। जेल मे बंदियो को रखे जाने की अधिकतम क्षमता 130 है। जबकि वर्तमान में कुल 188 बंदी निरूद्व है। जेल की ओवर क्राउडिग पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने मामलो के शीघ्र विचारण के लिए प्रयास करने की बात की। कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि कोरोना के कारण प्रकरणों की नियमित सुनवाई प्रभावित हुई थी किन्तु अब प्रकरणों की सुनवाई मे गति आ रही है। विचाराधीन 24 बंदियों के प्रकरणो में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पैनल लॉयर्स के माध्यम से की जा रही पैरवी की समीक्षा करते हुए उन्होंने पैनल लॉयर्स को सक्षम एवं प्रभावी पैरवी के साथ अभियुक्तों के साथ नियमित मुलाकात के लिए निर्देशित किया। विधिक साक्षरता शिविर में प्रधान जिला न्यायाधीश ने बंदियों के अधिकार एवं प्ली बार्गेनिंग विषय पर चर्चा की तथा 11 सितम्बर 2021 को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत की जानकारी दी। दण्डप्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्ली बार्गेनिंग प्रक्रिया के बारे में उन्होने विस्तार से बताते हुए कहा कि यह अभियुक्त द्वारा स्वैच्छिक रूप से अपराध स्वीकार किए जाने पर न्यायालय द्वारा दी जाने वाली सजा पर छूट प्रदान करती है। अतः जो बंदी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे अपना आवेदन जेल अधीक्षक के माध्यम से अपने न्यायालय कोे भेज सकते है। विधिक सहायता एवं साक्षरता शिविर में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उमरिया श्री सनत कुमार कष्यप के साथ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजेश कुमार तिवारी एवं विधिक सहायता अधिकारी बी.डी. दीक्षित उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में जेल अधीाक्षक श्री एम.एस. मरावी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।