जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी मनावर एवं थाना प्रभारी मनावर को ज्ञापन दिया गया
मनावर (पवन प्रजापत) - धार जिले के मनावर क्षेत्र में सामाजिक संगठनों के नाम पर आदिवासियों एवं गैर-आदिवासियों के बीच में विद्वेष फैलाने का कार्य किया जा रहा है और इस कार्य में शामिल सामाजिक संगठन बकायदा अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंप रहे हैं।
भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची में अधिसूचित क्षेत्रों के संबंध में दिए गए प्रावधानों के अनुसार अनुसूचित जनजाति क्षेत्र अधिसूचित किए गए हैं।
संविधान के अनुच्छेद 15 एवं 244 में अनुसूचित जनजाति समुदाय के संबंध में उनकी परंपराओं, रुढ़ियों और वर्जनाओं के संबंध में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
भारतीय संविधान में 73वें संशोधन के द्वारा 11वीं अनुसूची स्थापित की जाकर ग्रामपंचायतों को 29 विषयों पर अधिकार सौंपे गए हैं, इसी संविधानिक संशोधन के भावना के अनुरुप अधिसूचित क्षेत्रों के लिए भारतीय संसद ने पेसा कानून 1996 पारित किया, जो अधिसूचित क्षेत्रों में लागू है, जिसके नियम बनाए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय के स्तर पर जून 2021 में विधिवत कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
महामहिम महोदय, कुछ सामाजिक संगठन के लोग के द्वारा भारतीय संविधान, संसद द्वारा बनाए गए कानून को अमान्य करते हुए अवमानना करते हुए आदिवासी समाज एवं गैर-आदिवासी समाज में विद्वेष पैदा करने का घृणित एवं दंडनीय अपराध कर रहे हैं, जो आपराधिक कृत्य है और देशद्रोह तथा संविधान की भावनाओं का अपमान करने का कृत्य है। इनके विरुद्ध देशद्रोह का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना आवश्यक है, क्योंकि इनके घृणित कारनामों से आदिवासियों और गैर-आदिवासियों में गभीर विद्वेष फैलने की संभावना है।
अतः सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करनेवालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही बाबत।
ज्ञापन मे , सुनील इसके जयस तहसील अध्यक्ष, सुनील स्टार चौहान, राकेश मंडलोई, मोकाल जर्मन, हीरालाल बघेल,दिनेश मुवेल, वीरेंद्र भिड़े ,विश्राम मौर्य, मोहन दादा बुंदेला, मुकेश ठाकुर, अर्जुन वास्केल, मनोज पटेल, सूरज भूरिया, राजेंद्र मुजाल्दे, राजा वास्केल, पदम जामोद, पन्नालाल बघेल एवं जयस संगठन के समस्त पदाधिकारी उपस्थित हुए!