आदिवासी दिवस पर जिला स्तरिय आयोजन की सफलता को लेकर आदिवासी समाज ने माना आभार
आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - आदिवासी बाहुल्य जिले अलीराजपुर में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी विश्व आदिवासी दिवस पर जिले के प्रत्येक गाँव, कस्बे, ब्लॉक, तहसील एवं जिला मुख्यालय पर बड़े धूमधाम से आदिवासी समाज द्वारा मनाया गया। विभिन्न प्रकार के आयोजन कर आदिवासी समाज की रीति-रिवाज, परम्पराओं को बचाने का संकल्प लिया गया। जिला स्तरीय आयोजन ग्राम आम्बुआ में समपन्न हुआ। जिला स्तरीय आयोजन के सफल कार्यक्रम को लेकर आदिवासी समाजजनो ने जिलेवासियों का आभार व्यक्त किया है। जिले के विभिन्न क्षेत्र से आये आदिवासी समाज के सगाजन जाति-वर्ग-पार्टी भेद से ऊपर उठकर आयोजन में शामिल हुए। कार्यक्रम मे आदिवासी समाज द्वारा बड़े स्तर पर कार्यक्रम मथवाड, रोशिया-सोण्डवा, कट्ठीवाड़ा सहित गांवों-गांवों विश्व आदिवासी दिवस को आदिवासी संस्कृति के अनुरूप परम्परागत रूप से मानकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। आम्बुआ में सर्वप्रथम गांव के पटेल पुजारा तथा कोर कमेटी के सदस्यों के द्वारा अपने इष्ट देव बाबादेव, भीलवट बाबा, धरती मया को नमन करते हुए, महामानव शिरोमणि रॉबिनहुड भगवान टंट्या भील मामा, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा एवं डॉ. भीमराव अंबेडकरजी की छायाचित्र पर आदिवासी परम्परागत, रीति-रिवाज से पूजा पाठ तथा धार डाल कर सेवा जोहार अर्पित की गई। कार्यक्रम मे समाज की प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। आयोजन समिति के अध्यक्ष अरविंद कनेश ने स्वागत भाषण देकर कार्यक्रम के सुचारू रूप से संचालन किया।
जिला कोर कमेटी के प्रमुख सदस्य एवं आकास संगठन के जिला महासचिव भंगुसिंह तोमर ने आदिवासी समाज द्वारा पूरे वर्षभर में समाजहित में जनकल्याणकारी किए गए रचनात्मक कार्यों का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत कर आगामी वर्षों में किए जाने वाले कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। आदिवासी समाज के वरिष्ठ शंकर भाई तड़वाल ने अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट् संघ (यूएनओ) द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस की प्रारंभिक घोषणा से लेकर वर्तमान तक दिवस मनाए जाने की ऐतिहासिक जानकारी से अवगत करवाया। नितेश अलावा ने समाज में जन जगरूकता एवं संवैधानिक अधिकारों के साथ ही समाज की एकजुटता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर बसंत अजनार, मूलसिंह बंडोडिया, शमशेरसिंह पटेल, महेंद्र रावत, विक्रमसिंह चैहान, पूर्व आदिवासी समाज महिला मंडल अध्यक्ष संगीता चैहान, मुकेश रावत, रमेश डोडवे, केरम जमरा, रतनसिंह रावत, नानसिंह कनेश सहित समाज के पटेल, पूजरा, तड़वी, कोटवाल, सरपंच एवं वरिष्ठ बुद्धिजीवी मार्गदर्शक कर्मचारी-अधिकारी आदि मोजुद थे।