कलेक्टर ने की ग्रामीण विकास कार्यों की वृहत समीक्षा | Collector ne ki gramin vikas karyo ki vrahat samiksha

कलेक्टर ने की ग्रामीण विकास कार्यों की वृहत समीक्षा

पीआईयू की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की गई

कलेक्टर ने की ग्रामीण विकास कार्यों की वृहत समीक्षा

रतलाम (यूसुफ अली बोहरा) - ग्राम पंचायतों द्वारा निर्मित किए जाने वाले पंचायत भवन, आंगनवाड़ी जैसे अपूर्ण कार्य अक्टूबर अंत तक पूरे करने के दिए निर्देश देते हुए कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने स्पष्ट कहा कि तय समय सीमा में कार्य नहीं पूरा किए जाने पर शासकीय धन के दुरुपयोग का प्रकरण बनाया जाएगा। जिले में ग्रामीण विकास कार्यों की वृहद समीक्षा एक बैठक में की। इस दौरान कलेक्टर ने पीआईयू द्वारा धीमी गति से किए जा रहे कार्यों पर अप्रसन्नता व्यक्त की। पीआईयू के अधिकारी श्री मीणा को निर्देश दिए कि कार्य की गति बढ़ाई जाए, आपकी मानिटरिंग का यदि प्रभाव नहीं है तो अधिकारी की कार्य क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगता है। पीआईयू इस प्रकार कार्य करें कि प्रत्येक माह में कुछ ना कुछ कार्यों का उद्घाटन हो जाए। सीईओ जिला पंचायत श्रीमती मीनाक्षी सिंह  बैठक में उपस्थित थी।

बैठक में पीएमजीएसवाई के कार्यों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सालाखेड़ी से भाट पचलाना तक 7 किलोमीटर मार्ग निर्माण से शेष बचा है जो आगामी दिसंबर तक पूरा कर दिया जाएगा। मनरेगा की समीक्षा के दौरान सीईओ जिला पंचायत को निर्देशित किया कि कार्य के प्राक्कलन में उसके पूर्णता की तिथि भी अंकित की जाए ताकि कार्य में ढिलाई नहीं हो, समय सीमा में पूर्ण कर लिया जाए। साथ ही सीईओ जिला पंचायत प्रत्येक जनपद पंचायत में जाकर बैठक ले। कलेक्टर ने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा किया जाने वाला कोई भी कार्य उसी वित्तीय वर्ष में ही पूरा करना होगा। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यों की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि परफारमेंस पुअर है, मात्र 5 लाख रूपए लागत के काम एक साल में पूरे हो रहे हैं यह गलत है।

एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना की समीक्षा के दौरान बाजना तथा सैलाना जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा कार्य में ढिलाई बरतने पर कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। कलेक्टर ने कहा कि यदि सरपंच, सचिव काम नहीं कर रहे हैं तो जनपद सीईओ द्वारा मानिटरिंग क्यों नहीं हो पा रही, उन पर कंट्रोल क्यों नहीं है। आलोट जनपद पंचायत के पिपलिया सिसोदिया में खेत तालाब निर्माण की शिकायत सही पाए जाने पर कलेक्टर ने निर्देश दिए कि संबंधित सब इंजीनियर, ग्राम पंचायत के सचिव को निलंबित किया जाए। जेआरएस को हटाया जाए। जनपद सीईओ को भी शोकाज नोटिस देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि कार्य में गड़बड़ी करने वाले सरपंचों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में नेशनल हाईवे, मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल, जल संसाधन आदि विभागों की समीक्षा भी की गई। डीपीसी की समीक्षा में निर्देश दिए कि हैंड वाश यूनिट, टॉयलेट की दीवार के साथ बनाई जाए। कलेक्टर द्वारा भूमि संबंधी सभी विवाद एक सप्ताह में निपटाने के निर्देश दिए गए।

Post a Comment

0 Comments