पूर्व विधायक समरिते के समर्थन मे आये पूर्व सांसद मुंजारे
बडी साजिश के तहत समरिते को भेजा गया जेल - कंकर मुंजारे
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - बालाघाट पूर्व सासंद कंकर मुंजारे ने गृह-निवास पर प्रेसवार्ता का आयोजन कर ब्लैक मेंलिग के आरोप में जेल भेजे गये पूर्व विधायक किशारे समरिते के समर्थन में आते हुए कहा कि किशारे समरिते को एक बडी साजिश के तहत फंसाकर उन्हे जेल भेज दिया गया है और यह सबकुछ राजनैतिक ईशारे पर किया गया है। प्रशासन और शराब कारोबारी राजेश पाठक ने मिथ्या आरोप लगाकर समरिते के खिलाफ साजिश रची और उन्हे फंसाया है। श्री मुंजारे ने कहा कि समरिते लगातार अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। लेकिन उनकी आवाज दबा दी गई, जो लोकतंत्र की हत्या है। श्री मुंजारे ने आरोप लगाया कि कलेक्टर, एसपी, शराब माफिया और रेत माफिया आपस में मिलकर जिले को लूट रहे है। स्वंय को समाजसेवी लिखने वाले राजेश पाठक, दरअसल रेत चोर है, शराब माफिया है, जिसने जिले की नदियों को नीचोड डाला है और जनता को नशे का आदि बना दिया है। राजेश पाठक ने जिला प्रशासन व सत्ताधारी नेताओं से साठगाठ कर अरबो रूपये की रेत चोरी करके कमाये है और अब जनता भी इसे रेत माफिया कह रही है।
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने अपने तिखे स्वर में कहा कि रेत की चोरी और शराब की ब्लैकमेलिंग करने वाला राजेश पाठक, अपने आप को समाजसेवी बातकर ईमानदारी का चोला पहन रहा है और जनता का चुना हुआ एक आदमी बेईमान हो गया। उन्होने समरिते के पक्ष में अपना दर्द झलकाते हुए कहा कि जेल में रहकर किशोर समरिते चुनाव जीते है, जो म.प्र का पहला रिकार्ड है और अब उन्हे ब्लैक मेलर बताया जा रहा है। मुंजारे ने कहा कि ये रेत चोर और माफिया पहले जेल जाये और फिर चुनाव जीत कर दिखाये, तो इनकी ईमानदारी जाहिर होंगी। समरिते पर 20 हजार रूपये प्रतिमाह पैसे मांगने व ब्लैंक मेलिंग का आरोप लगाया गया है, जो बेहद सोचनीय है। यदि समरिते ब्लैक मेलर है तो राजेश पाठक कौन है...? यदि राजेश पाठक ईमानदार है तो समरिते को अभी तक पैसे क्यो दे रहे थे...?
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि ये शराब ठेकेदार राजेश पाठक, पूर्व में हट्टा व खैरलांजी में शराब की तस्करी करते हुए पकडा जा चुका है और आज की स्थिति में इन्होने चारो तरफ शराब का कारोबार फैलाकर बच्चो और युवाओं को शराब के नशे का आदि बना दिया है। ये कैसे समाजसेवी है। मुंजारे ने कहा कि इन्हे ब्राम्हण समाज का अध्यक्ष बनाया गया है लेकिन इसकी करतूत के कारण ब्राम्हण समाज के लोग इसे पीठ पीछे गाली देते है, ये बात उनके ही समाज के कई लोगो ने मुझसे कही है। इस कोरोना सक्रमण काल व लॉकडाउन में इनके गुर्गो ने गांव गांव जाकर शराब सप्लाई है और सील बंद दुकानो को खोलकर पीछे से शराब बेची है।
अपने शिकायत पत्र में राजेश पाठक ने बताया कि समरिते 03 बार उनके पास आये और पैसे की मांग किये। लेकिन कब कब और किस किस समय में आये उसका उल्लेख नही किया है। जबकि 25 तारिख से किशोर समरिते भोपाल मे थे, फिर कब ये पाठक के घर पहुंच गये। पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि कोई भी एमएलए हो , एक्स एमएलए हो या फिर कोई भी होे, उनके खिलाफ शिकायत या मामला दर्ज करने से पहले मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहियें। उसके बाद यदि वे दोषी पाये जाते है तो निश्चित ही मामला दर्ज किया जाना चाहिये। लेकिन बालाघाट पुलिस सीधे बिना जांच के मामला दर्ज करती है।