कर्मचारियो की कमी के कारण विजली संकट से जूझ रहे नागरिक वरिष्ट अधिकारी खाना पूर्ति कर चला रहे काम | Karmachariyo ki kami ke karan bijli sankat se jujh rhe nagrik
कर्मचारियो की कमी के कारण विजली संकट से जूझ रहे नागरिक वरिष्ट अधिकारी खाना पूर्ति कर चला रहे काम
भिंड (मधुर कटारे) - मध्यप्रदेश विधुत बिभाग में इन दिनों बर्करो को लेकर अच्छी खांसी कमी होने के कारण आम जन को कुछ कस्टो का सामना आये दिन करना पड़ रहा है ।विभाग के आला अधिकारी भी इस ज्वलन समस्या का समाधान करने से कतराते नजर आ रहे है ।प्रायवेट स्तर पर विधुतीकरण होने के बाद आम लोगो को सर्विस उचित नही मिल पा रही है ।जब की पूर्व में विजली के कनेक्शन कम पर भी कर्मचारियो की संख्या अधिक हुआ करती थी लेकिन आज कनेक्शन अधिक है और संख्या कार्य करने बालो की बहुत ही कम है इसी कारण आये दिन विधुत विभाग को काफी परेसानी का सामना करना पड़ रहा है ।आज सारे कार्य प्रायवेट स्तर पर हो जाने से सरकार का विजली विभाग प्रायवेट के ठेकेदारों के हाथों में कठपुतली की तरह नृत्य करता हुआ देखा जा सकता ।
जर्जर केविलो को न बदलना ट्रांसफार्मर फूंक गया तो उपलब्ध कराना।
मीटर लगवाना केविल जली तो कार्य केविल बदलवाना
विजली सप्लाई चालू कराना आदि समस्या ओ का निराकरण कराना मात्र 12 लाइन मेनो के हाथ मे है काम अधिक ओर आदमी कम की नीति के कारण ही आम जन को विजली की सप्लाई में परेसानी आ रही है ।जब कनेक्शन कम थे तब भर्ती 50 से अधिक कर्मचारी की ओर आज कनेक्शन 42 हजार है ।जिन पर मात्र काम करने बाले कर्मचारी बेहद कम है । वॉटर वक्स की एरिया में भिण्ड शहर में मात्र 4 लाइन मेन है ।ओर आईटीआई जॉन में 06 लाइन मेन है ,इन सभी वर्करों के कारण ही सप्लाई में देरी हो जाती है जब की वरिष्ट अधिकारियों को इस समस्या का समाधान कर लाइन मेनो की भर्ती निकालना चाहिए ।
राजनेता गण भी विजली विभाग के कर्मचारियो को स्टॉप बढ़ाने के लिए सहियोग करे जिससे विजली सप्लाई बहाल हो सके ।
आज बिजली के विल तक की बसूली अभियान प्रायवेट सेक्टर के लड़कों से कराई जा रही है ।जो की शासन के नियम विरुद्ध है ।ऐसे में सप्लाई से लेकर रिपेयरिंग मेंटेशन तक उचित समय पर नही हो पा रहा है
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