जनता की नासमझी आज भी भारी | Janta ki na samjhi aaj bhi bhari
जनता की नासमझी आज भी भारी
शाजापुर (मनोज हांडे) - शासन के अनुसार तीसरे दिन दुकानें खुल रही है बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी है आम जनता आपसी दूरी बनाना तक भूल जाती है सामान खरीदते समय (सोशल डिस्टेंसिंग) भूल जाती है कोरोना रूपी महामारी जो अनेक लोगों को लील गई उसे हल्के में ले रही है कई मौतें हो चुकी है फिर भी आम जनता नासमझ बन रही है बैंकों के बाहर भी भीड़ उमड़ रही है वहां भी नियमों को ताक में रखकर लोग खड़े रहते हैं।
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