मध्यप्रदेश बजट निकाय चुनाव के चौसर पर वादों की गोटी बातें बड़ी बड़ी पर राहते छोटी
शिक्षा स्वास्थ्य को आंकडो का बूस्टर डोज खेल रोजगार को घोषणाओं की वैक्सीन
किसानों को जीरो फीसदी पर ऋण और सम्मान निधि का उर्वरक
भोपाल (संतोष जैन) - कोरोना काल की बाद प्रदेश सरकार का पहला बजट लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका निकाय चुनाव को देखते हुए शहरी आबादी को साधने की कोशिश की है लेकिन वह भी नाकाफी है किसी शहर विशेष के लिए अलग से बहुत बड़ी कोई घोषणा बजट में नहीं है दूसरी ओर बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही जनता के लिए स्पष्ट रोड मैप नहीं दिखा इस वजह से ग्रामीण जनता को भी निराशा हाथ लगी है मध्यप्रदेश सरकार की योजनाएं।
बजट में गोवंश के संरक्षण पर जोर
118 करोड़ का किया प्रावधान
गैस पीड़ितों को फिर से पेंशन
सोलर ऊर्जा को बढ़ावा
भोपाल जबलपुर और इंदौर में कैंसर अस्पताल
9 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे
बंजर भूमि को बनाएंगे उपजाऊ
आधुनिक खेती को देंगे बढ़ावा
जैविक खेती का बढ़ेगा रकबा
बंद खदानों में मछली पालन
जबलपुर आकार लेगी प्रयोगशाला
ट्रैक्टर योजना की राशि बढ़ाई
प्रत्येक जिले में खुलेगा महिला थाना
अपराधों पर अंकुश
स्वास्थ्य पर भी फोकस
कुपोषण मुक्ति के प्रयास
प्रदेश सरकार ने अपने बजट में शिक्षा चिकित्सा शिक्षा और अस्पताल को लेकर कई वादे किए हैं प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और प्रबंधन को विश्व स्तरीय बनाने के लिए मिशन निरामय शुरू किया जाएगा स्कूल शिक्षा में नवाचार के साथ ही जल्द बड़े पैमाने पर भर्ती की जाएगी लेकिन ज्यादातर मामलों में प्रावधान गिनाए बजट की राशि नहीं बताई।