परिवार ही महिला का असल गहना है, परिवार टूटने का दर्द अपनो को अधिक होता है | Parivar hi mahila ka asal gehna hai

परिवार ही महिला का असल गहना है, परिवार टूटने का दर्द अपनो को अधिक होता है

परिवार जोड़ने वाला ही ईस्वर का सच्चा भक्त कहलाता है

परिवार ही महिला का असल गहना है, परिवार टूटने का दर्द अपनो को अधिक होता है

भिंड/मनेपुरा (मधुर कटारे) - जानकारी अनुसार जिले में महिला परामर्श केंद्र फिर से महिलाओ में एक आस्था का केंद्र बनता नजर आ रहा है ।महिलाओ की पीड़ा सुनना उनको परामर्श देकर टूटे परिवार में फिर से एक दूसरे को पुनाह दाम्पत्य जीवन मे जोड़ना बहुत बड़ा पुण्य का कार्य कहा जाता है ।ऐसी ही कहावत का नजारा अब महिला परामर्श केंद्र में देखने को मिला है ।यहाँ dsp पूनम थापा के द्वारा निरन्तर परिवार में हो रही छोटी मोटी बातों को सुनकर उनके बीच मे सलाह मशवरा कर एक कड़ी से जो जोड़ा जा रहा है ।बह काबिले तारीफ है ।महिला परामर्श केंद्र में आज दिनाक 23।02।21 को दो शादी शुदा दाम्पत्य जीवन को फिर से एक करने में सराहनीय भूमिका dsp पूनम थापा की रही है ।श्रीमती पूजा पति संतोष जाटव निवासी भीमनगर पति पत्नी का खर्चे को लेकर विवाद थाने तक जा पहुचा जिनकी सुनवाई dsp पूनम थापा ने की परिवार क्या होता है ।परिवार में कैसे चलना चाहिए इन सभी की बातों का महिला परामर्श केंद्र में पति पत्नी की बातों को सुनकर उनकी भूल का एहसास कराकर दोनो को पुनाह पारिवारिक बंधन में बांध दिया गया और भविष्य में कभी भी छोटी मोटी बातों में विवाद नही होगा ऐसा संकल्प भी दिला दिया गया श्रीमती पूजा के एक  बेटा एक बेटी है जो कि पिता जी माता जी के विवाद की बजह से दोनों बच्चे मायुष थे लेकिन फिर से आज उन बच्चो के चेहरे खिल खिलाते हुए दिखाई दिए ।

श्रीमती प्रीति जादौन पति जितेंद जादौन निवासी सबलगढ़ का करीव 10 माह से परिवार में झगड़े को लेकर विवाद चल रहा था श्रीमती प्रीति जादौन ने शिकायत आवेदन देकर अपना अपना पक्ष रखा था जिसकी सुनवाई 23।02।21 को महिला परामर्श केंद्र में की गई श्रीमती प्रीति पति जितेंद जादौन की बातों को सुनकर dsp पूनम थापा ने दोनों पति पत्नी को फिर से जीवन जीने की सीख देकर नई जिंदगी बसर करने की सलाह दी जिसको दोनो लोगो ने माना और कभी भी विवाद न करने का संकल्प लिया महिला परामर्श केंद्र पर दोनों बिबाहिता जोड़ो को बरमाला पहनाकर मिठाई खिलाकर परामर्श कराया 

Dsp पूनम थापा ने बताया परिवार एक समाज में महिला के लिए ढाल का काम करता है  जिसके टूटने के बाद महिला पर प्राकृतिक स्वयं मायुष हो जाती है और उसके लिए काफी बाधाएं उत्पन्न होने लगती है जिसका सामना करते करते महिला गलत रास्ता इख्तियार कर लेती है और फिर परिवार और समाज के लोगो के पास पक्षतावे के अलावा कुछ हाशिल नही होता इस लिए हमेशा घरेलू हिंसा परिवार के विवाद में समाज को आगे आकर परिवार को टूटने से बचाना चाहिए जब समाज ऐसी बातों पर ध्यान नही देता है तब ऐसे मामलों की सुनवाई

महिला परामर्श केंद्र में होती है और अंतिम न्याय कोर्ट का मान्य किया जाता है ।

Comments

Popular posts from this blog

कलेक्टर दीपक सक्सेना का नवाचार जो किताबें मेले में उपलब्ध वही चलेगी स्कूलों में me Aajtak24 News

पुलिस ने 48 घंटे में पन्ना होटल संचालक के बेटे की हत्या करने वाले आरोपियों को किया गिरफ्तार girafatar Aaj Tak 24 News

कुल देवी देवताओं के प्रताप से होती है गांव की समृद्धि smradhi Aajtak24 News