अयोध्यापुरम से पालीताणा छःरिपालक यात्रा संघ तीसरा पड़ाव
श्री राजेन्द्र विद्याधाम तीर्थ सरोड़ में हुआ यात्रा संघ का ऐतिहासिक प्रवेष
सरोड़ (पालीताणा) - दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा., मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी म.सा. आदिठाणा 5 की पावनतम निश्रा में श्रीमती गेरोदेवी जेठमलजी जैन बालगोता परिवार के लालचंदजी, गौतमजी, अभिषेकजी बालगोता परिवार मेंगलवा/मुम्बई/दिल्ली, लेहर कुन्दन ग्रुप द्वारा छःरि पालक यात्रा संघ का भव्य आयोजन 12 फरवरी से 17 फरवरी तक किया है । यात्रा संघ का श्री पालीताणा तीर्थ क्षेत्र में 16 फरवरी को भव्य नगर प्रवेश होगा और संघपति परिवार को तीर्थमाला 17 फरवरी 2021 को पहनायी जावेगी व संघवी पद से सम्मानीत किया जावेगा ।
आज रविवार को श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी संजय सराफ, आनंदीलाल अम्बोर, महाप्रबंधक श्री अर्जुनप्रसाद मेहता एवं श्री राजेन्द्र विद्याधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के ट्रस्टी जयंतीलालजी बाफना, विद्याधाम के मेनेजिंग ट्रस्टी हीरालाल टी. मेहता, उपाध्यक्ष नवरत्नमलजी वेदमुथा, बाबुलाल गांधीमुथा, प्रकाश सेजलमणी, संतोष नाकोड़ा, गिरीश गांधी, भरत भाई जैन, सुमेरमलजी रांका, शेलेष अम्बोर आदि ने संघपति परिवार के प्रमुख श्री लालचंदजी बालगोता, श्री गौतमचंदजी बालगोता व समस्त बालगोता परिवार का बहुमान किया गया साथ ही संघपति परिवार की ओर से श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट मोहनखेड़ा, श्री राजेन्द्र विद्याधाम ट्रस्ट मण्डल, श्री राजेन्द्र भवन ट्रस्ट मण्डल, श्री शताब्दी भवन ट्रस्ट मण्डल से पधारे हुए अतिथि ट्रस्टीगणों का बहुमान किया गया ।
प्रातः की बेला में स्नात्र महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया दोपहर में प्रवचन का आयोजन हुआ जिसमें श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक गच्छाधिपति आचार्य श्री ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने साधार्मिकभक्ति, चारित्र की महत्ता व तीर्थ निर्माण पर प्रेरक प्रवचन दिया । मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा. ने ‘‘दो आंसू‘‘ विषय पर मार्मिक प्रवचन प्रदान किये । संध्याभक्ति के साथ राजाकुमारपाल बनकर 108 दीपको से प्रभु श्री विद्यापाश्र्वनाथ भगवान की भव्य आरती उतारी गई । श्री देवेश जैन मोहनखेड़ा एवं श्री हेमन्त वेदमुथा ने रंगारंग भक्ति भावना की प्रस्तुति दी ।