अगर भक्त अपने गुरु के पूजा सच्चे मन से करें तो उनका उद्धार हो जाता है - भूषण महाराज सिंगार वाडे
बोरगांव (चेतन साहू) - भीमराव गूगल बोरगांव निवासी के प्रांगण में चल रहे भागवत कथा में आज कथाव्यास भूषण महाराज सिंगार वाडे जी महाराज ने कहा कि किसी भी यज्ञ के होने से मानव में आयी विकृतियां अपने आप दूर हो जाती है। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के माध्यम से समाज में एकजुटता आती है। हवन करने से देवता प्रसन्न होकर मानव का कल्याण करते हैं। उन्होंने ने कहा कि गुरु का नाम जपने मात्र से ही तमाम पापों का नाश हो जाता है।
अगर भक्त अपने गुरु की पूजा सच्चे मन से करें तो उनका उद्धार हो जाता है। माया ही संसार की रचना करती है व व्यक्ति को उसके श्रोत अर्थात ब्रह्म के प्रति अज्ञानी बना देती है। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति जन्म लेता है तो वह अपने नाम रूप के कारण स्वयं को ईश्वर का अंश नहीं मानता है, बल्कि उसे अपने वाह्य रूप का अभिमान हो जाता है। वह अपना एक व्यक्तित्व रच लेता है।
उसकी सोच सीमित हो जाती है। सत्य का ज्ञान हो जाने पर व्यक्तित्व का विनाश हो जाता है। तब व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि सृष्टि के पूर्व, वर्तमान व भविष्य में केवल उन्हीं का अस्तित्व विद्यमान रहता है। ईश्वर सतरूप होते हुए भी सत्य से परे हैं। कार्यक्रम के मौके पर नरेन्द्र उपासे के द्वारा मंच संचालन का भार बखूबी निभाया गया ।
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