श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में प.पू. उपाध्याय श्री मोहनविजयजी म.सा. का पूण्यदिवस मनाया गया
समाजजनों ने भावांजलि अर्पित की
राजगढ़/धार (संतोष जैन) - प.पू. उपाध्याय श्री मोहनविजयजी म.सा. का जन्म आहोर के समीप अम्बुजाग्राम के राजपुरोहित परिवार श्री वदीचंद जी एवं माता लक्ष्मीदेवी के यहां सवत् 1922 को भाद्रपद कृष्णपक्ष की दूज को हुआ । जब आप पांच वर्ष के थे तब आपकी बोली बंध होकर हाथ पेर संधीवात से ग्रस्त हो गये थे । संवत 1932 में दादा गुरुदेव राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का चातुर्मास आहोर में था पिता वदीचंदजी ने अपने बालक को लेकर गुरुदेव से वासक्षेप का निवेदन किया । वासक्षेप करने के कुछ समय पश्चात् ही बालक मोहन बोलने लगा । शाम को जब पिता ने बालक मोहन को अपने गांव चलने को कहा मगर बालक घर जाने को तैयार नहीं हुआ । बहुत समझाने के बाद भी अफलता हाथ लगी । अंत में अपने पुत्र को गुरु चरणों में समर्पित कर पिता अपने घर को लोट गये । मोहनविजयजी म.सा. दादा गुरुदेव के प्रिय शिष्यांे में से एक थे । माघ शुक्ला द्वितीया संवत 1933 जावरा में भागवती दीक्षा देकर दादा गुरुदेव ने आपका नाम मुनि मोहनविजयजी रखा । 1939 में कुक्षी नगर में आपको बड़ी दीक्षा प्रदान की गयी । संवत 1959 फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को पन्यास पदवीं से तथा श्रीमद्विजय धनचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने पौष शुक्ल सप्तमी 1966 को राणापुर में उपाध्याय पद से अलंकृत किया । आपकी हस्त लिपि बहुत सुन्दर थी । 75 से अधिक ग्रंथों की प्रतिलिपियां आप ने लिखी जो आहोर, बागरा, सियाणा, थराद आदि भण्डारों में उपलब्ध है । अभिधान राजेन्द्र कोष सम्पादन एवं प्रकाशन में आपका विशिष्ट योगदान रहा । 44 वर्ष तक आपका दीक्षा पर्याय रहा । श्री मोहनविजयजी म.सा. की पूण्यतिथि पर भावांजलि अर्पित करते हुये श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने उनके विषयक जानकारी दी और कहा कि अधिक प्रिय शिष्य होने के कारण दादा गुरुदेव ने इस खेड़ा ग्राम में तीर्थ निर्माण के साथ श्री मोहनखेड़ा तीर्थ का नाम प्रदान किया ।
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में उपाध्याय श्री मोहनविजयजी म.सा. का पूण्यदिवस श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावनतम निश्रा एवं मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनभद्रविजयजी म.सा., साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी म.सा., साध्वी श्री सद्गुणाश्री जी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में मनाया गया । इस अवसर पर तिथि दर्शन गुरु सप्तमी पंचांग का विमोचन किया गया ।
कार्यक्रम में तीर्थ के महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी- बाबुलाल खिमेसरा, कमल लुणिया, संजय सराफ एवं भेरुलाल गादिया, प्रकाश सेजलमणी, महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन सहित बड़ी संख्या में समाजजनों ने उपाध्याय श्री मोहनविजयजी म.सा. को श्रद्धा सुमन अर्पित किये ।