संत सिंगाजी पावर परियोजना की चौथी इकाई भी चार ट्रेलरो की मदद से गुजरात के लिए रवाना तो हुई लेकिन रेलवे बनी अड़चन
रतलाम रेलवे मण्डल की ओ एच टी लाइन परमिशन नही मिलने से 15 दिनो से परियोजना के मेन गेट के बाहर ही अरबो रुपये की मशीनरी लिए खड़े है चारो ट्राले
करीब चार माह से बंद पड़ी हे नव निर्मित इकाइयां एल एंड टी ने कहा हमारी जवाब दारी नही आपने इकाइयों को क्यो बंद रखा इसलिए हुई खराब एम .पी .पी .जी .सी .एल ने कहा ये बात पहले क्यो नही बताई हम बंद नही रखते
बिजली की बढ़ती रिकार्ड मांग की आपूर्ति के लिए प्रायवेट सेक्टर से महंगे दाम मे खरीदी जा रही है बिजली
बीड/खंडवा (सतीश गम्बरे) - संत सिंगाजी पावर परियोजना मे पुनःरक्षित लागत करीब 7 हजार 7 सौ 38 करोड़ रुपये मे एल एंड टी पावर कंपनी द्वारा निर्मित की गई 1320 मेगावाट क्षमता की दोनो इकाइयो के पी जी टेस्ट के दौरान ही टरबाइन खुलने के कारण इनके रोटर सहित अन्य मशीनरीयो को दुरुस्त करने के लिए गुजरात भेजा जा रहा है इकाई नंबर तीन को पहले ही भेजा जा चुका है अब चार नंबर को ट्रालो पर लाद कर भेजा जा रहा था मथेला के करीब बने रतलाम मण्डल की रेलवे क्रासिंग पर ओ .एच .टी.लाइन क्रास करवाने की परमिशन नही मिलने के कारण चारो ट्राले अरबो रुपये की मशीनरी लिए हुए करीब पंद्रह दिनौ से परियोजना के मेन गेट के बाहर खड़े करके रखे गए है लेकिन अब तक परियोजना के उच्चाधिकारी रेलवे से ओ एच टी लाइन पार करने की परमिशन तक नही दिला सके है और महंगे दामो पर बिजली खरीदकर आपूर्ति का रिकार्ड बनाया जा रहा है और जिनके कारण इकाइयों का बंटाधार हुआ है उन पर महीनो बीत जाने के बाद भी कोई जवाबदारी तय नही हो सकी तथा इकाइया चार माह बाद भी दुरुस्त होने के लिए ठिकाने तक नही पहुच सकी है परियोजनाओ के इतनी दुर्दशा के बाद भी ना जाने ऊर्जा सचिव एम डी मंजीत सिंह को किस चश्मे से देख रहे है अब तक संघठित भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश नही लग पाया है ॥
बंद पड़ी है इकाइयां एल एंड टी पावर ने अपना पल्ला झाड़ा कहा इकाइयाँ बंद क्यो रखी ॥
परियोजना की नवनिर्मित इकाइयां करीब चार माह से बंद पड़ी है इकाई नंबर तीन 5 अगस्त तो इकाई नंबर चार 22 सितंबर से बंद हे जिससे अरबो रुपये की उत्पादन हानि अब तक हो चुकी हे तथा निर्माणकर्ता कंपनी ने अपनी जवाबदारी से पाल्ला झाड़ते हुए मालिकाना हक रखने वाली एम पी पी जी सी एल कंपनी से कहा है की आपने पूरे साल मे करीब 218 दिन इकाइयों को बंद क्यो रखा गया जिस सुपर क्रिटिकल तकनीक से इनका निर्माण हुआ है उसमे इन्हे बंद नही रखा जा सकता जबकि पहले चरण मे बी एच ई एल कंपनी द्वारा निर्माण की गई तकनीक मे ऐसा कुछ नही है जिस वजह से उसे बंद रखने की प्रबंधन को आदत सी हो गई थी जिसका परिणाम उत्पादन हानि सहीत अरबो रुपये मे पहुच चुका है जो जनता की जेब से ही काटे जा रहे है
प्रदेश मे बिजली की रिकार्ड माग प्रायवेट सेक्टर से पूरी कर रही हे सरकार अपने प्लांट बंद
प्रदेश मे रबी की फसल का समय हे रिकार्ड मांग आ रही हे आकड़ों के अनुसार 8 दिसंबर मंगलवार को प्रदेश मे 28 करोड़ 35 लाख 19 हजार यूनिट की मांग की आपूर्ति की गई जिसमे एम पी पी जी सी एल अपने प्लांटों द्वारा 7 करोड़ 49 लाख 15 हजार यूनिट ही बिजली उत्पादन कर सकी बाकी इंदिरा सागर बांध से 91 लाख 15 हजार एवं ओंकारेश्वर बांध से 47 लाख 53 हजार यूनिट का सहारा लेकर सरकार की कुल भागीदारी मात्र 8 करोड़ 61 लाख 64 हजार यूनिट तक ही रही बाकी एन टी पी सी सहित प्रायवेट सेक्टर से महंगे दामो पर बिजली खरीदकर आपूर्ति की जा रही है और सर्वाधिक आपूर्ति का ढीण्डोरा पिटा जा रहा है
रतलाम रेलवे मण्डल से क्रासिंग की परमिशन को लेकर हमारी और से अधिकारी गए है जल्द ही परमिशन मिल जाएगी
आर पी पांडे
प्रवक्ता सिंगाजी पावर परियोजना