MDH मसाले के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का देहावसान | MDH masale ke malik mahashay dharmpal gulati dehavsan
MDH मसाले के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का देहावसान
महाशय धर्मपाल गुलाटी अपने अंदाज और इतनी आयु में भी अपनी चिर-परिचित मुस्कान को लेकर देश की जानी-मानी हस्तियों में गिने जाते थे. उन्हें बड़ों से लेकर बच्चों तक हर कोई पहचानता था.
नई दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट) - देश की जानी-मानी कंपनी MDH मसाले के मशहूर मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati) का 97 साल की आयु में देहावसान हो गया है. महाशय धर्मपाल गुलाटी अपने अंदाज और इतनी आयु में भी अपनी चिर-परिचित मुस्कान को लेकर देश की जानी-मानी हस्तियों में गिने जाते थे. उन्हें बड़ों से लेकर बच्चों तक हर कोई पहचानता था. महाशयां दी हट्टी नाम से बनाई गई मसालों की उनकी कंपनी देश के सबसे पहले-पहले मसालों के लिए जाने वाली कंपनियों में से एक है. वो MDH के विज्ञापनों में अकसर दिखाई देते थे, जहां उन्हें उनके अंदाज में देखा जा सकता था. उन्हें महाशय जी कहकर बुलाया जाता था. उन्हें मसालों का बादशाह कहा जाता था.
महाशय धर्मपाल का जन्म 27 मार्च, 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था. उनके पिता का नाम महाशय चुन्नीलाल और माता का नाम माता चनन देवी था. MDH की वेबसाइट के अनुसार, मसालों का उनका पैतृक व्यापार था. हालांकि, उन्होंने अपने पिता की मदद से उन्होंने दूसरे कई व्यवसाय जमाने की कोशिश की लेकिन जम नहीं पाए. फिर उन्होंने अपने पिता के ही मसालों के व्यापार में हाथ बंटाना शुरू किया. उनका व्यापार महाशयां दी हट्टी या फिर 'देगी मिर्च वाले' लोग के नाम से जाना जाता है।
विभाजन के बाद वो भारत आए और दिल्ली पहुंच गए यहां उनके पास महज 1500 रुपए थे. पहले उन्होंने 650 रुपए का एक तांगा खरीदकर चलाना शुरू किया. बाद में उन्होंने एक हट्टी या खोखा खरीदकर अपना मसालों का व्यापार शुरू कर दिया और इस तरह स्वतंत्र भारत में शुरू हुआ महाशयां दी हट्टी का सफर, जो अब इतनी बड़ी कंपनी बन चुकी है और महाशय जी के नाम से जानी जाती है.
बता दें कि महाशय धर्मपाल गुलाटी को पिछले ही वर्ष देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.
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