मानव अधिकार की सुरक्षा और संवर्धन सरकारों का दायित्व - न्यायमूर्ति आलोक वर्मा | Manav adhikar ki suraksha or sanvardhan sarkaro ka dyitv
मानव अधिकार की सुरक्षा और संवर्धन सरकारों का दायित्व - न्यायमूर्ति आलोक वर्मा
("मानव अधिकारों का महत्व" विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित)
इंदौर। (राहुल सुखानी) - हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एडवोकेट अमर सिंह राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बेंच के अधिवक्ताओं हेतु मासिक विधि संगोष्ठी श्रंखला का प्रारंभ किया गया,जिसका शुभारंभ मानव अधिकार का महत्व विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी के माध्यम से किया गया। ऑनलाइन संगोष्ठी में मुख्य वक्ता मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री आलोक वर्मा एवं विशेष अतिथि वरिष्ठ अभिभाषक श्री अनिल त्रिवेदी रहे।
ऑनलाइन संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विषय के मुख्य वक्ता जस्टिस आलोक वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा मानव अधिकार प्राकृतिक अधिकार है तथा इन्हें सुरक्षित एवं संवर्धन करने की जवाबदारी सरकारों की है। कोरोना का हाल के दौरान जिस प्रकार से मानव अधिकारों का हनन हुआ है वह चिंतनीय है। जस्टिस वर्मा द्वारा मानव अधिकारों के उद्भव और उनके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला गया।
*मानव अधिकार व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत जरूरी --अधिवक्ता अनिल त्रिवेदी*
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अभिभाषक अनिल त्रिवेदी ने विषय पर बोलते हुए कहा कि मानव अधिकार मनुष्य के व्यक्तिगत विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है इसके बिना व्यक्ति का अस्तित्व संभव नहीं है । प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी और अपनी मर्जी से जीवन जीने का अधिकार है किंतु यदि सतही स्तर पर देखते हैं तो आर्थिक रूप से विपन्न एवं कमजोर लोगों के अधिकारों का आए दिन उल्लंघन होता है इसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। किसी एक व्यक्ति के प्रयास से यह संभव नहीं होगा।
जूनियर अभिभावकों के लिए निरंतर होगी ऑनलाइन संगोष्ठी --अधिवक्ता राठौर
ऑनलाइन संगोष्ठी के प्रारंभ में विषय प्रवर्तन हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एडवोकेट अमर सिंह राठौर ने रखा और उन्होंने प्रतिमाह इस प्रकार की कानूनी विषयों पर निरंतर चिंतन करने हेतु एवं जूनियर अधिवक्ताओं के ज्ञान वर्धन हेतु ऐसी संगोष्ठी का आयोजन की जानकारी दी एवं ऑनलाइन संगोष्ठी का संचालन पंकज वाधवानी एडवोकेट एवं विधि व्याख्याता ने किया।
संगोष्ठी में अनेक अधिवक्तागण निलेश दवे, कीर्ति जोशी, किरण जुनेजा, विशाल शर्मा, धनिष्ठा दवे, नितिन उदासी, समता वडारा, विस्मित पनौत, सुनीता कटारा, मधुलिका सिंह, दिव्या त्रिपाठी, स्वाति मिश्रा, पल्लवी पथरोड, पवन शर्मा, निलेश मनोरे, दीना आर्य सहित अनेक विधि विद्यार्थियों द्वारा भी भाग लिया गया।
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