मासूम की जान जाने के बाद भी स्थानिय प्रशासन मौन - आखिर किसके इशारे पर नहीं हो रही कार्यवाई | Masoom ki jaan jane ke baad bhi sthaniya prashasan mon

मासूम की जान जाने के बाद भी स्थानिय प्रशासन मौन - आखिर किसके इशारे पर नहीं हो रही कार्यवाई

अवैध तस्करी के  आड़ मे गई मासूम की मौत
 
लोधीखेड़ा नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है

मासूम की जान जाने के बाद भी स्थानिय प्रशासन मौन - आखिर किसके इशारे पर नहीं हो रही कार्यवाई

लोधीखेड़ा/सौंसर (गयाप्रसाद सोनी) - दो-चार दिन पहले घटी घटना एक नया रूप धारण कर रही है,घटना को बारीकी से जांच करके तत्व तक जाए तो सब खुलासा हो सकता है, मामला बहुत ही अजीब है, और मामले को दबाने के लिए राजनीतिक और कई अधिकारी भी प्रयास कर रहे हैं,उल्टा चोर कोतवाल को डांटे यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी बस ऐसी ही कुछ अजीब घटना लोधी खेड़ा में हुई है, और घटना के बाद सोशल मीडिया पर फोटो वीडियो भी जमकर वायरल हो रहे हैं, वहीं लोधीखेडा थाना प्रभारी भूपेन्द्र गुलबाके का कहना है कि इस मामले में जो अवेध सागवन पाया गया, उस पर वन विभाग कार्यवाई करेंगा, वह पुलिस का मामला नहीं है, बात सही है ,लेकिन खनिज विभाग और आबकारी विभाग के मामले में पुलिस ही अक्सर देखती है ,और यह नजारा आम जनता के साथ-साथ क्षेत्र के राजनीतिक भी जानते हैं ,तो फिर वन विभाग का मामला को लेकर पुलिस वन अधिकारी को सूचना दे सकती थी।

दिमागी रूप से विक्षिप्त की मौत पर आंसू बहाने के अलावा परिजनों के पास और कुछ नहीं बचा हुआ है प्रशासन से कार्रवाई की आस लगाए बैठे हैं गोपाल के परिजन एवं बूढ़ी माता कि सुनने वाला कोई भी नहीं जिस तरीके से मामले को नेताओं की टोली द्वारा रफा-दफा करने में लगे हुए हैं वही गोपाल के परिजन मृत्यु के पश्चात गोपाल को न्याय की आस लगाए बैठे हैं प्रशासन व राजनीति करने वाले ने मामले को दबाने में भरपुर प्रयास किए हुआ यूं कि गोपाल दिमागी रूप से पूर्ण तरह से विकसित ना होने के कारण व गोपाल के ऊपर परिवार का भरण पोषण होने की जिम्मेदारी थी एवं गरीब परिवार से होने के कारण उसकी मौत के बाद भी भरपूर खिलवाड़ किया गया गोपाल के परिजनों ने बताया कि गोपाल को लोधीखेड़ा स्थित एक नेता के ढाबे पर काम पर रखा गया था ,दिमागी रूप से विक्षिप्त होने के कारण गोपाल से नाना प्रकार के काम कराए जा रहे थे, ऐसा ही मामला एक्सीडेंट में जान गवा चुके गोपाल के साथ घटित हुआ तस्करी का पर्याय बन चुके, ढाबा संचालक एवं उसके भाई ढाबे की आड़ में नाना प्रकार के अवैध काम किया करते है जिसके चलते गोपाल को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी घटना रंगारी  के पास घटित हुई जहां पहले से डीजल खत्म होने के कारण रामाकोना स्थित ट्रक संचालक का ट्रक खड़ा था ,अवैध तस्करी करते हुए अपने निजी  वाहन मैं रखे हुए अवैध सागौन से भरे होने के कारण को आनन-फानन में  खड़े ट्रक मैं पीछे से जा टकराया जहां पर गोपाल एवं स्थानीय नेता के भाई  को गंभीर चोटें आई ,जिसे तुरंत में किसी प्राइवेट गाड़ी से नागपुर रेफर किया गया नागपुर जाते जाते ही गोपाल ने सावनेर के पास ही अपना दम तोड़ दिया व वही के सरकारी अस्पताल में दिखाने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया, माता के मना करने के बावजूद भी जबरदस्ती में उसे नागपुर ले जाया गया जहां उसे कोरोना घोषित कर दिया गया वह परिवार को अंत्येष्टि करने का भी मौका नहीं मिल पाया।

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