जिले में होटल-ढाबों के संचालक छोटे बच्चों से करवा रहे मजदूरी, विभाग नहीं दे रहा ध्यान | Jile main hotel dhabo ke sanchalak chhote bachcho se karwa rhe majduri
जिले में होटल-ढाबों के संचालक छोटे बच्चों से करवा रहे मजदूरी, विभाग नहीं दे रहा ध्यान
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - शहरी क्षेत्र की चाय की दुकानों पर एवं होटलों में व जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बहादरपुर, डोईफोड़िया में ढाबा और होटलों में बर्तन धोने, नाश्ता इत्यादि बेचते ये बच्चे अक्सर नजर आते है। मजदूरी का झांसा देकर बाल श्रमिकों से कठोर श्रम करवाया जाता है। इतना ही नहीं चल रहे, विभिन्न निर्माण कार्य पर भी ठेकेदार नियमों को ताक में रखकर बालश्रमिकों से काम करवा रहे है। इतना कुछ होने के बाद भी अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासन की अनदेखी के चलते गांवो में कई जगह बालश्रम हो रहा है। कई होटलों व ढाबों पर 10 से 15 साल के बच्चे दिहाड़ी मजदूरी कर रहे है। बुरहानपुर जिले में निरीक्षण के नाम पर मात्र औपचारिकता की जाती है, लेकिन यह बाल श्रमिक उन्हें नजर नहीं आते है। इन बाल श्रमिकों से महज कुछ ही मानदेय का वादा कर कठोर श्रम करवाया जाता है। सरकार भले ही कानून बनाकर बालश्रम को लेकर काफी सख्त है, लेकिन यह कानून धरातल पर दम तोड़ता नजर आ रहा है। इन कार्यों में अधिकांश गरीब परिवार के बच्चें दिहाड़ी मजदूरी कर रहे है।
कानून के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी व्यवसाय में नियुक्त करना या किसी भी तरह का श्रम करवाना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने का प्रावधान भी है। इसके बावजूद यहां पर इन छोटे आयु के बच्चों को अल्प मानदेय का झांसा देकर दिहाड़ी मजदूरी करवाई जा रही है। उन्हें दिनभर मजदूरी के 130 से 160 रुपए दिए जा रहे है। इनसे कार्य करवाने वालों का कहना है, कि मजदूर नहीं मिलने से इन्हें ही काम दे रहे है।
नहीं होती कार्यवाही
क्षेत्र में बालश्रम करवाने वाले लोगों के खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नही होती है। ऐसे में बाल श्रमिकों की संख्या में भी हर साल इजाफा होता जा रहा है। क्षेत्र में निर्माणाधीन इमारतों व अन्य कार्यों पर बालश्रम धड़ल्ले से चल रहा है। बालश्रम में जुटे बालक व किशोर विद्यालय के शिक्षा की चौखट से दूर है। खास बात तो यह है, कि बालश्रम चोरी छिपे तो कई जगह होता है, लेकिन बुरहानपुर, देड़तलाई हाइवे पर सड़कों पर खुलेआम बालश्रम हो रहा है। यहां से दिनभर में कई अधिकारियों की आवाजाही होती है। इसके बावजूद इनकी नजरे बालश्रमिकों पर नहीं पहुंच रही है।
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