शहीद सहादत खा की सहादत को एक बार नही हजार बार सलाम | Shahid shahadat kha ki shahadat ko ek bar nhi hazar bar salam

शहीद सहादत खा की सहादत को एक बार नही हजार बार सलाम

शहीद सहादत खा की सहादत को एक बार नही हजार बार सलाम

इंदौर (जाहिद मंसूरी) - इंदौर के वीर शहीद जिसके खोफ से अंग्रेजो के पसीना छूट जाता था जिसका सिर्फ एक ही मकसद था कि मेरे वतन से अंग्रेजो को भगाना है और वतन को आज़ाद कराना है।लेकिन एक दिन शहीद शहादत खा अंग्रेजो के हाथ पकड़े गए जिन्हें अंग्रेजों ने 1 अक्टूबर को रेसीडेंसी कोठी पर फांसी पर चढ़ा दिया था।जिस वीर ने हमारे वतन की आज़ादी की लड़ाई लड़ी और आज हम आज़ादी की जिंदगी जी रहे है उन्हें दिल से हम सलाम करते है,,,

शहीद सहादत खा की सहादत को एक बार नही हजार बार सलाम

शहीद सहादत खा की सहादत को एक बार नही हजार बार सलाम

1 अक्टूबर को हम इसलिए शहीद दिवस के रूप में मनाते है।
लेकिन दुर्भाग्य से इंदौर जिला प्रशासन पुरातत्व विभाग नगर निगम ने शहीद सहादत खा की शहादत का दिन ही भूल गए और 1 अक्टूबर को उनकी रेसीडेंसी कोठी स्तिथ स्मारक की सफाई तक नही कराई और स्मारक के गेट के ताले तक नही खोला था जिसे शहीद सहादत खा के परिजन रिजवान खान और शहीद सहादत खा विचार मंच के अध्यक्ष शेख शाकिर ने खुलवाया और उनकी स्मारक पर अकीदत के फूल पेश किया।
उन्हें याद करने के लिए उनके वंशज खालिद खान के परिजन और असलम खान यूनुस खान ठेकेदार और साथीगण सामिल हुवे।


हिंदुस्तान जिंदाबाद,,,,हिंदुस्तान जिंदाबाद,,,,जय हिन्द
शेख शाकिर
अध्यक्ष
शहीद सहादत खा विचार मंच

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