सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से पूछा भाजपा में गए विधायकों पर फैसला कब तक, एक हफ्ते की दी मोहलत
कांग्रेसी विधायक विनय सक्सेना की याचिका पर सुनवाई
जबलपुर (संतोष जैन) - सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष से यह स्पष्ट करने को कहा है कि सत्ता पलटने के लिए भाजपा में शामिल हुए 22 कांग्रेसी विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर अब कब तक फैसला लिया जाएगा कोर्ट ने कहा विधानसभा अध्यक्ष को सिर्फ यह स्पष्ट करना है कि कब तक निर्णय ले लिया जाएगा सीजेआई शरद अरविंद बोबडे जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी राम की बेंच ने जबलपुर के कांग्रेसी विधायक विनय सक्सेना की याचिका पर सुनवाई करते विधानसभा अध्यक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया है
याचिका पर नहीं किया विचार
विधायक विनय सक्सेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने कोर्ट को अवगत कराया कि मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों को भाजपा की मिलीभगत से बेंगलुरु में रखा गया था 10 मार्च को इन विधायकों के त्यागपत्र भी विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश किए गए 13 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष कांग्रेस की ओर से इन विधायकों को डिसक्वालीफाई करने के लिए याचिका दायर की गई
विवेक तंखा बोले मंत्री पद वापस लिया जाए
वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने तर्क दिया कि संविधान के तहत जो विधायक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में चले जाते हैं और साथ में त्यागपत्र देते हैं इसके चलते उस कार्यकाल में मंत्री नहीं बन सकते यदि विधानसभा अध्यक्ष डिसक्वालीफाई घोषित कर देते तो यह मंत्री नहीं बन पाते लेकिन इनमें से 12 विधायकों को नई भाजपा सरकार में मंत्री बना दिया गया इसे गैरकानूनी बताते हुए विधायकों के मंत्री पद वापस लेने का आग्रह किया गया मंगलवार को कोर्ट ने विधानसभा के वकील को 1 सप्ताह का समय दिया।
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