सांसद से मिलने गए जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता, अवैध वन कटाई रोकने हेतु दिया ज्ञापन
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - अवैध वन कटाई पर रोक, व आदिवासी कार्यकर्ताओं के अपहरण एवं बंधक बना कर मारने के मामले में वन अमले के विरुद्ध कार्यवाही के लिए ज्ञापन सौंप कर की गई मांग।
आज जागृत आदिवासी दलित संगठन के प्रतिनिधियो ने क्षेत्र के सांसद नंदकुमारसिंह चौहान से चर्चा करने गए एवं उन्हें ज्ञापन सौंप कर मांग कि अवैध कटाई पर रोक लगाने में उनका हस्तक्षेप तथा कानूनी जागरुकता फैलाने वाले आदिवासी कार्यकर्ताओं पर वन विभाग के हमले के सम्बन्ध में दोषी वन कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की गई। सांसद के अनुपलब्ध होने के कारण उनके कार्यालय में सांसद महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
बुरहानपुर जिले में बीते कुछ महीनों से बड़े पैमाने में चल रहे वन कटाई के बारे में शिकायत करते हुए संगठन ने सांसद को जमा किए गए पत्र में यह अवगत कराया की लगातार प्रशासन से घाघरला और अन्य जगह अवैध कटाई पर रोक लगाने के की मांग के बावजूद, वन अमले की मिलीभगत के कारण यह कटाई रुक नहीं रही है। उल्टा बुरहानपुर जिले के बाद अभी खंडवा जिले में भी कटाई शुरू हो गई है। वन कटाई से ध्यान हटाने के लिए और आदिवासीयों में जागरूकता फैलने से रोकने के लिए वन अमला कानून सम्बन्धित जानकारी के प्रचार करने वाले आदिवासी कार्यकर्ताओं पर दमन कर रहे हैं, जैसे कि पिछले हफ्ते जिला न्यायालय से दो आदिवासियों का अपहरण कर खकनार रेंज में बन्धक बना कर बर्बरता पूर्वक पीटा गया।
इस तरह से क्षेत्र में यह दिखाई पड़ रहा है कि कानून का प्रचार प्रसार करना एक गुनाह बन गया है, जबकि अवैध कटाई को अंजाम देने वाले बिना किसी रोक के वनों की कटाई जारी रख रहे है। मुख्यमंत्री द्वारा इस महीने सभी वन अधिकार पट्टों के निराकरण करने के आदेश भी दिए गए है, परन्तु इस सम्बन्ध में न्यूनतम प्रक्रियाएं भी नहीं चली हैं। बुरहानपुर में केवल 54 दावे का निराकरण हुआ है। उल्लेखनीय है कि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बहुत आक्रोश है तथा शासन प्रशासन पर कई सवाल उठाए जा रहे है।
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