मुख्यमंत्री को वाल्मीकि संगठन द्वारा निगम आयुक्त भुमरकर का तबादला करने सहित अन्य मांगो को लेकर सोपा ज्ञापन
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - खकनार तहसील मे एक दिवसीय दौरे पर आये मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को वाल्मिकी संगठन ने मांग पत्र सौंपकर न.पा.नि. आयुक्त भगवानदास भुमरकर का तत्काल तबादला करने सहित अन्य मांग की। अध्यक्ष उमेश जंगाले ने बताया की संगठन के पदाधिकारियों ने मांगो को लेकर निगम आयुक्त को अनगिनत बार लंबित मांगो को पुरा करने का आग्रह किया। किंतु आयुक्त ने जबसे निगम का कार्यभार संभाला है तब से लेकर आज दिनांक तक सफाई कर्मीयो की एक भी मांगो को पुरा नही किया। वह कार्य करने के बजाय हर बार नए बहाने बनाकर समाज के लोगो को टाल-मटोल कर देते है। वर्षो से जिन क्वाटरो मे सफाई कर्मी निवासरत है उन्हे आज भी भूमि मालिकाना हक नही दिया गया। जबकी उनके मकान जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं और कई बार इनमे बडी घटनाए भी घट चुकी हैं। आयुक्त ने समाज जनो को शासन का हवाला देते हुए रिटायर कर्मियो को भी उनके क्वाटरो का मालिकाना हक देने से इंकार कर दिया है। जबकी वह वर्षो से उन्ही जर्जर मकानो मे निवास कर रहे है। आयुक्त के कार्यकाल मे ठेका पद्धति (आउट सोर्सिंग) मे कर्मियो का खुलेआम शोषण किया जा रहा है जिसमे श्री श्री सांई इंटरप्राईजेस के ठेकेदार द्वारा कर्मियो को उनके बैंक खातों मे वेतन डालने के बजाय निर्धारित वेतन से कम वेतन का नगद भुगतान किया जा रहा है। जबकी निगम और ठेकेदार मे हुए अनुबंध के हिसाब से कर्मियो के खातो मे वेतन डालने के नियम है। वह भी कलेक्टर रेट के अनुसार वेतन दिया जाना चाहिए। जो की नही दिया जा रहा है। ठेकेदार ने कर्मियो को गुलाम बनाने हेतु स्वयं के बनाए नियमो का फार्म बनवा कर जबरन सफाई कर्मीयो से फार्मो पर हस्ताक्षर करवाकर उन पर कम रुपयो मे कार्य करने का दबाव बना रहा है।
कई सफाई कर्मचारी जो वास्तव मे कार्य नही कर रहे उनके नामो की फर्जी तरीके से हाजरी भर कर उनका वेतन निकाला जा रहा है। यह सब जानते हुए भी आयुक्त ठेकेदार पर कार्यवाही करने के बजाय कर्मियो का खुलेआम शोषण होते हुए देख रहे है। जिससे प्रतित होता है की सायद ठेकेदार से भी आयुक्त की सांठगांठ है और उन्हे ठेकेदार की और से कुछ फायदा दिया जा रहा होंगा। जिसकी उच्च आधिकारीयो से जांच होना चाहिए। जंगाले ने कहा कि हमारी मांग है की ठेका बंद कर समाज के जो लोग बडी संख्या में बेरोजगार घूम रहे हैं उनको स्थाई नौकरियो मे सीधी भर्ती दी जाये। वाल्मिकी समाज का 50 लाख का सामुदायिक भवन एमआईसी बेठक मे स्वीकृत हो चुका है जिसको आयुक्त द्वारा जानबूझकर बनाकर नही दिया जा रहा है, भवन नही होने के कारण समाज के लोगो को शुभ प्रसंग के अवसरो पर प्रायवेट भवनो मे कार्यक्रम करवाना पड रहा है। जिसका भारी भरकम खर्च गरीब तबके लोगो को अपने पास से वहन करना पड रहा है। जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं और जिन कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है उनको घर में अनुकंपा एवं घर प्रथा कि नौकरियों में भर्ती नहीं दी जा रही है। उनके परिजनो को भी तत्काल नौकरियों पर रखा जाए। उमेश ने आरोप लगाए हुए कहा की आयुक्त भगवानदास भुमरकर के कार्यकाल मे प्रधानमंत्री आवास योजना मे जमकर भारी भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें कई अपात्र फर्जी लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है, जिसकी जांच उच्च आधिकारीयो से करवाकर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। निगमायुक्त के रहते यहा सफाई कर्मी सहित अन्य कर्मचारियो को चार-चार माह का वेतन नही दिया जा रहा है। इनके कार्यकाल मे बिजली बिल समयावधि मे नही भरने के कारण निगम कार्यालय का कई बार बिजली का कनेक्शन काटा जा चुका है। इनके रहते हुए शहर मे कई जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। उमेश ने मांग की आयुक्त भगवानदास भुमरकर से निगम का कार्यभार सही तरह से नही संभाला जा रहा है। जिस हेतु आयुक्त का तबादला होना अत्यंत आवश्यक है। संगठन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से कहा की यदि उनकी मांगों का जल्द निराकरण नहीं होता है तो वह विवश होकर जल्द ही भोपाल आकर विधानसभा एवं मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर प्रदेश स्तर पर उग्र आंदोलन कर प्रदर्शन करेंगे और साथ ही चक्का जाम भी करेंगे।
यह रही मांगे
1) नगर पालिक निगम आयुक्त भगवानदास भुमरकर का तत्काल तबादला किया जाये।
2) ठेका पद्धति (आउटसोर्सिंग) को बंद करके बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरियों में सीधी भर्ती दी जाए।
3) वाल्मीकि समाज के रिटायर कर्मी सहित सभी 176 पात्र हितग्राहियों को उनकी भूमि का मालिकाना हक दिया जाए।
4) समाज के स्वीकृत 50 लाख का सामुदायिक भवन तत्काल बनाकर दिया जाए।
5) रिटायर कर्मी एवं मृतक कर्मियों की डूब में जा रही अनुकंपा एवं घर प्रथा की नौकरी में उनके परिजनो को सीधी भर्ती दी जाए।
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