पशु संजीवनी योजना के माध्यम अभी तक 25 हजार पशुओं का उनके घर पर ही उपचार| pashu sanjivani yojna ke madhyam abhi tak 25 hajar pashuo ka unke ghr par gh upchar


पशु चिकित्सा सेवायें विभाग द्वारा पशुपालकों के पशुओं के उपचार के लिये वर्ष 2018 से पशुधन संजीवनी योजना के अंतर्गत घर पहुंच सेवा की शुरूआत की गई है । इस योजना के अंतर्गत 1962 टोल फ्री नंबर पर पशुपालक कॉल करके अपने घर पर ही बीमार पशुओं का डॉक्टरों की टीम से उपचार कराते है तथा अभी तक इस योजना के अंतर्गत 25 हजार पशुओं का उनके घर पर ही उपचार किया जा चुका है ।

            उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ. एच.जी.एस.पक्षवार ने बताया कि पशु संजीवनी योजना के माध्यम से विभागीय पशु चिकित्सक अति गंभीर पशुओं का पशुपालकों के घर पर पहुंचकर उपचार करते है । इसमें टोल फ्री नंबर पर 24 घंटे कॉल प्राप्त होते है जिन्हे 3 श्रेणियों में विभाजित कर रोगग्रस्त पशुओं के लिये समय सीमा निर्धारित कर उपचार किया जाता है तथा सुपर एल श्रेणी में अविलंब बीमार पशुओं का उपचार किया जाता है । उन्होंने बताया कि इस योजना का लक्ष्य 5 कॉल प्रति दिन है, जबकि वर्तमान में प्रतिदिन 8 कॉल प्राप्त हो रहे है जो संभाग में सबसे अधिक है ।

            उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ. पक्षवार ने बताया कि जिले के ग्राम भाजीपानी के श्री दीपक भलावी के पड़ोस में रहने वाले पशुपालक के गाय को काफी समय से हो रही प्रसव पीड़ा को देखते हुये उन्होंने टोल फ्री नंबर पर कॉल किया जिससे डॉक्टरों की टीम ने समय पर सुरक्षित प्रसव कराकर केवल 100 रूपये में गाय का उपचार किया जिस पर पशुपालक द्वारा धन्यवाद दिया गया । ग्राम चन्हियाखुर्द के श्री कमलेश वर्मा के घर में रात्रि में आग लग जाने पर पशु जल गये थे तो उन्होंने रात्रि 2:30 बजे टोल फ्री नंबर पर कॉल किया तो तत्काल ही डॉक्टरों की टीम ने घर पर जाकर उनके पशुओं का उपचार किया । इसी प्रकार अन्य कई गंभीर रोग जैसे पशुओं में अंग बाहर आ जाना, हड्डी टुटना, पेट फुलना आदि का उपचार पशु संजीवनी के माध्यम से पशुपालकों के घर पर ही किया गया । साथ ही दुर्घटना से ग्रस्त पशुओं जैसे जीभ का कट जाना, बैल की टांग कट जाना आदि गंभीर मामलों में भी पशुपालकों के घर पर ही उपचार दिया गया ।





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