यूरिया के लिए सोसायटी के चक्कर काट रहे किसान | Uria ke liye society ke chakkar kat rhe kisan

यूरिया के लिए सोसायटी के चक्कर काट रहे किसान

यूरिया के लिए सोसायटी के चक्कर काट रहे किसान

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिले में यूरिया खाद के लिए किसान परेशान हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से जिला मुख्यालय व कुछ विकासखंड से शिकायतें सामने आती रहीं हैं। ताजा मामला गुरुवार को विकासखंड बजाग के हर्रा लैंपस का सामने आया है। यूरिया खाद लेने हर्रा-खरगहना सोसायटी पहुंचे लगभग आधा सैकड़ा से अधिक किसान घंटों परेशान होते रहे। लैंपस के कर्मचारियों द्वारा तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए खाद वितरण नहीं किए जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि वे पिछले तीन चार दिन से खाद लेने के लिए सोसायटी के चक्कर काट रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने बताया कि प्रबंधक भी सोसायटी नहीं पहुंचे हैं। यहां मौजूद कर्मचारी उन्हें तरह-तरह की प्रक्रिया बताकर गुमराह कर रहे हैं।

सभी जनपदों में यूरिया की किल्लत

गौरतलब है कि जिले में मांग के अनुसार यूरिया नहीं आ पा रहा है। विभाग का दावा है कि एक हजार मैट्रिक टन यूरिया की और मांग की गई है। ट्रांसपोर्ट की समस्या से यूरिया जिले में पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पा रहा है। जिले के शहपुरा, बजाग, करंजिया, मेहंदवानी, समनापुर, अमरपुर विकासखंड सहित जिला मुख्यालय में भी यूरिया की किल्लत से किसान परेशान हो रहे हैं। कुछ लैंपस में जहां यूरिया है उसके बाद भी नियमों का हवाला देकर किसानों को परेशान करने के आरोप लग रहे हैं।

सोसायटी में 334 बोरी यूरिया पहुंचा

लैंपस में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर अशोक चंदेल ने बताया कि पहले 444 बोरी यूरिया आया था जो किसानों को वितरित कर दिया गया था। बुधवार को 334 बोरी यूरिया यहां पहुंचा है। डिस्पैच आईडी नहीं मिलने के चलते किसानों को यूरिया का वितरण नहीं किया जा रहा है। बताया गया कि डिस्पैच आईडी न मिलने से स्टाक भी नहीं दर्ज हो पा रहा है। बताया गया कि लैंपस में नौ गांव हर्रा, खरगहना, पिंडरुखी, गीधा, कारोपानी, बुधगांव, कौड़िया, बिझौरी व पंचगांव के तीन सैकड़ा किसानों का पंजीयन है। इसके अलावा नगद यूरिया लेने वाले किसान भी सोसायटी पहुंच रहे हैं।

किसान चक्कर काटकर हो रहे परेशान

 ग्राम पिंडरुखी के किसान नरेश, शिवकुमार ने बताया कि वे पिछले तीन दिन से सोसायटी के चक्कर काट रहे हैं। यहां पदस्थ कर्मचारी मशीन में फिंगर प्रिंट के माध्यम से यूरिया देने की बात कह रहे हैं। इसी तरह मनोज, विजय, प्रदुमन सिंह सहित अन्य किसानों ने बताया कि उन्हें एक बोरी भी यूरिया अभी तक नहीं मिल पाया है। किसानों का कहना है कि उन्होंने धान की फसल बोई है, लेकिन यूरिया ने मिलने से फसल प्रभावित होने का डर सता रहा है। कुछ किसानों के शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचने की बात भी ग्रामीणों द्वारा बताई गई। जानकारी के अनुसार गुरुवार की शाम तक किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल सकी थी।

वर्जन........

मंडला बस स्टैंड स्थित गोदाम प्रभारी को डिस्पैच आई डी देने के निर्देश दिए गए हैं। प्रयास किया जा रहा है कि हर्रा लैंपस के किसानों को यूरिया मिल सके। जिले में इस बार अच्छी बारिश होने और रकबा बढ़ने से यूरिया की समस्या है। एक हजार मैट्रिक टन यूरिया आवंटित करने के लिए पत्र लिखा गया है। ट्रांसपोर्ट की समस्या से भी यूरिया डिंडौरी तक नहीं पहुंच पा रहा है। अब तक 36 हजार मैट्रिक टन यूरिया का वितरण हो चुका है।

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