किसान के लालों ने UPSC परीक्षा में फतह हासिल कर IAS बनकर देश में लहराया भिंड का परिचम
भिंड (विजय भदौरिया) - UPSC के परिणाम में भिंड से किसानों के लालों ने मारी बाजी। भिंड जिले के रौन जनपद अंतर्गत बहादुरपुरा गांव के अरुण तोमर जिनके पिता लक्ष्मण सिंह तोमर मूलतः किसान हैं। तो वहीं दूसरी तरफ गोहद के गुरीखा गांव के महिपाल गुर्जर के पिता लाखन गुर्जर भी किसान है। भिंड के दोनों बेटों ने यूपीएससी की परीक्षा में फाइट कर भिंड जिले का देश में परचम लहराया है। भिंड जिले के अरुण सिंह तोमर के IAS में चयनित होने पर उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। अरुण तोमर बहादुरपुरा गांव रौन जनपद मेहगांव विधानसभा से आते हैं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा बहादुरपुरा गांव में छठवीं क्लास शासकीय स्कूल से की। उसके बाद हायर सेकेंडरी की शिक्षा भिंड से की और इंदौर जाकर बीटेक एमटेक करने के बाद उन्होंने अपना रुख बदलते हुए,IAS की तैयारी दिल्ली जाकर की।UPSC/ 2019 के परीक्षा परिणाम मैं 723 वीं रैंक लाकर उन्होंने अपने गांव का ही नहीं बल्कि जिले का नाम देश प्रदेश में रोशन किया है। अरुण तोमर का गांव बहादुरपुरा जो कि किसी समय डाकुओं के गांव के नाम से प्रसिद्ध हुआ करता था। जहां गोलियों की आवाज घर करती थी, सिंध नदी किनारे बीहड़ के गांव से प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से हासिल कर आज देश के सर्वोच्च UPSC परीक्षा में सफलता हासिल कर देश में भिंड का परचम लहराया। इस बीच उनके जीवन में कई कठिनाइयां आई तैयारी के समय उनकी माताजी का स्वर्गवास हो गया। थोड़े समय के लिए डिप्रेशन में रहे, लेकिन हार नहीं मानी क्योंकि उनका लक्ष्य तो कुछ और ही था अरुण सिंह तोमर दो भाई हैं, बड़े भाई रामू सिंह तोमर ने अरुण सिंह तोमर का बखूबी साथ निभाया जब इस संबंध में हमने पूछा कि इसका श्रेय किसको जाता है तो उन्होंने घर परिवार से लेकर रिश्तेदारों को श्रेय दिया ओर भगवान की कृपा भी बताई, अरुण तोमर ने द चंबल बॉयज के साथ बातचीत के दौरान यह बात कहीं। अरुण तोमर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी उन्होंने छात्रों को कोचिंग पढ़ा कर अपने पढ़ाई के लिए दिन-रात परिश्रम किया। अरुण तोमर ने इस बीच भिंड में कलेक्टर रहे इलैया राजा टी से समय-समय पर बातचीत होने का भी जिक्र किया और कहा उनके द्वारा बहुत कुछ सीखने को मिला। अरुण तोमर की इस सफलता से उनके पिता, भाई, ग्रामीण रिश्तेदार एवं जिले वासी बहुत खुश हैं उनके निवास पर जाकर फूल मालाओं मिठाइयों और आतिशबाजी का दौर देर रात चलता रहा।
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