श्री मारू का सेवानिवृत्ति होने के अवसर पर कार्यक्रम रखा गया
दसाई (नीरज मारू) - शिक्षण कार्य व्यक्तिगत नहीं अपितु सामाजिक दायित्व है। शिक्षक को अपने इस दायित्व से कभी मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। ईश्वर ने आपको इस योग्य बनाया है तो उसे निभाना ही चाहिए। उक्त विचार स्थानीय शासकीय कन्या उमावि में सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित विदाई समारोह के अवसर पर प्रधानाध्यापक कैलाश मारू ने व्यक्त किए। कार्यक्रम में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सभी लोग मास्क लगाकर उपस्थित थे । वहीं 41 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर इनकी विद्यालयीन अनेक उपलब्धियों के चलते सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य श्रीमती प्रतिभा दुबे ने की मुख्य अतिथि संकुल प्राचार्य बीएल पाटिल, विशेष अतिथि के रुप में मा. वि बालोदा के देवेंद्र सिंह राठौड़ एवं कन्या उमावि राजगढ़ के शांतिलाल मारु उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया वहीं श्रीमारू को शाल श्रीफल एवं मोमेंटो प्रदान किया गया। आपको संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया जिसका वाचन वरिष्ठ शिक्षक सत्यनारायण धाकड़ ने किया इस अवसर पर मुकेश पाटीदार , राजीव बघेल, निशा प्रजापति, गोविंद झाला,मंजू बाला मारू, आत्माराम पाटिल, मोहनलाल पाटीदार सहित अनेक शिक्षकों को ने श्री मारू के साथ बिताए कार्यकाल को स्मरण करते हुए इनके सेवाकाल की उपलब्धियों का बखान किया कार्यक्रम में प्रभारी प्रधानाध्यापक गोविंद झाला ने सब का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में समस्त शिक्षकों ने सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक श्री कैलाश चंद्र मारू के घर तक जाकर उन्हें विदाई दी गई । मार्ग में नया बाजार में जगह-जगह विभिन्न मंचों से आपका स्वागत का आयोजन भी किया गया।
पौधारोपण - अपने सम्मान को चिरस्मरणीय बनाने के लिए श्रीमारू ने वट,नीम एवं पीपल जैसे छायादार पौधे लगाकर उन्हें बड़े होने तक देखभाल करने का संकल्प लिया वहीं उपस्थित समस्त शिक्षकों को अपने अपने जन्मदिन पर कम से कम एक एक पौधा लगाने का आह्वान किया।
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