संत सिंगाजी पावर परियोजना मे जवाबदारो द्वारा पुलिस मे बयानों का दौर शुरू
मामला परियोजना मे दिन दहाड़े भंडार ग्रहो का ताला टूटने सहित माल गायब होने का
मान्धाता (सतीश गम्बरे) - संत सिंगाजी पावर परियोजना मे गुरुवार को दिन दहाड़े ही भंडार ग्रहो के ताले टूटने और कीमती धातुओं के मटेरियल गायब होने का मामला प्रकाश मे आया था जिसका परियोजना द्वारा मटेरियल चोरी का आवेदन पुलिस को दिया गया बीड पुलिस चौकी प्रभारी विक्रम धारवे द्वारा मामले की जांच शुरू की गई है जिसमे परियोजना के भंडार गृह से जुड़े सभी अधिकारी एवं कर्म्चरीयो के बयान दर्ज किए जाना बताया जा रहा है जिसमे रविवार को अवकाश होने के कारण मात्र दो लोगो के ही बयान दर्ज किए गए जल्द ही भंडार ग्रहो से जुड़े अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन अभियंता सहायक अभियंता सहित अन्य कर्मचारियो के बयान लिए जाना बाकी है सूत्रो के अनुसार गत माह मे बी .एम .डी ऑफ साइड डिवीजन मे कितना मटेरियल आया एवं कितना लगा कितना बाकी है रजिस्टर पर देखने से भी स्थिति स्पष्ट हो सकती है विदित हौकी इसी प्रकार की मटेरियल गायब होने की घटना पूर्व मे भी घटित हो चुकी थी तो उन घटनाओ से इन जवाबदार अधिकारियो ने क्या सबक लिया और क्या सुधार किए ये जानना कंपनी के एम डी मंजीत सिंह के लिए भी आवश्यक है तभी यहा कार्य के प्रति कितनी उदासीनता है इसे समझ पाएंगे ॥ ॥
एम पी पी जी सी एल .का स्टोर विभाग बना कार्य पालन अभियंता का बना प्राइवेट लिमिटेड विभाग
संत सिंगाजी परियोजना मे कागजो पर देखा जाएे तो नौकरी मे सबसे पहला हक प्रभावित किसानो का है लेकिन यहा तो कई प्रभावित ऐसे है जो सालो से परियोजना मे ठेकेदारों के पास काम के लिए चक्कर लगा रहे है लेकिन आज तक मेंन गेट के अंदर भी नही जा पाए और कुछ तो अंदर जाने के बाद भी घूम घूम कर थक कर वापस लौट आये स्थानीय होने के बाद भी अब तक काम नही मील सका ॥ ॥
वही दूसरी और जिस भंडार गृह से मटेरियल चोरी हुआ उस भंडार गृह मे पदस्थ कार्यपालन अभियंता के अधिकार क्षेत्र मे सारे रिश्तेदार या घनिष्ट लोग ही काम कर रहे है जो की इस क्षेत्र के भी नही है तो उन्हे नौकरी किनके कहने पर मिली यह भी जांच का विषय है सारे मटेरियल को मेंटेन इन्ही प्राइवेट घनिष्ट लोगो के द्वारा किया जाता है ऐसे मे गड़बड़ होना स्वाभाविक है एवं गंभीर जांच को जन्म देते है ॥
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