पर्युषण पर्व में सोशल डिस्टेंसिग के साथ पर्युषनपर्व अनुष्ठान प्रारम्भ, दिगम्बर जैन मंदिर में बह रही धर्म गंगा
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए शासन के निर्देश अनुसार तथा जैन संतो के भी सुझाावो के अनुसार पर्युषण महार्वा मनाने हेतु सर्वानुमति से नियमानुसार इसका पालन किया जा रहा है। जिसमें पर्यूषण पर्व के दौरान सामुहिक अभिषेक शांति धारा प्रतिबंधित रहेगी। जिन श्राव की पूजन बारी तिथि अनुसार आती है उनके द्वारा ही अभिषेक शांति धारा संपन्न होगी। संबंधित परिवार द्वरा भी शुद्ध मास्क का पउयोग तथा सोश्यल डिस्टेसिंग का पालन किया जाना अनिवार्य रहेगा। पर्व के दौरान सामुहिक पूजन पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगे। निज मंदिर मे व्यक्तिगत तौर पर जिस श्रावक को अभिषेक करना है वह केवल एक ही चालित प्रतिमा का अभिषेक कर सकेगा तथा अभिषंेक के दौरान भगवान के चरण स्पर्श पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगे। व्यकितगत तौर पर शांतिधारा करना पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। शांति नाथ मंदिर जी के साथ त्रिमूर्ति वेदी पर भी केवल पूजन बारी वाले श्रावक ही अभिेषेक कर सकेंगे। श्रावकगण व्यक्तिगतण तौर पर भी मंदिर जी के गर्भ गृह में अभिषेक के दौरान निर्धारित दूरी व अन्य सभी नियमो का पालन करते हयुे अभिषेक के बाद तुरंत बाहर निकल जायेगे। मंदिर जी में कोई भी श्रावक श्राविका पूजन, शास्त्र अध्ययन एवं माला गिनने के लिए नही रूकेंगे। पर्यूषण पर्व पर रात्रीकालीन सामूहिक आरती, भजन एवं प्रवचनो पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। जिन श्रावक की पूजन बारी तिथि अनुसार आती है उनके द्वारा ही रात्री 8 बजे तक आरती की जायेगी। पर्यूषण पर्व के दौरान पडने वाली सुगंध दशमी को भी मंदिर जी में सामुहिक धूप दान नही होकर श्रावकगण दोपहर 3 से 4 बजे अपनी सुविधानुसार धूप एवं दान कर सकेगे। किसी भी प्रकार का जुलूस आदि आयोजन नही होगा। अंनंत चतुर्दशी को सामूहिक कलश महोत्सव क्षमा वाणी आदि कार्यक्रम नही होगे आरि ना ही किसाी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन होगा। इस वर्ष पर्यूषण पर्व की समाप्ति पर किसी भी प्रकार की रथ यात्रा व रात्री जागरण का आयोजन नही होगा। प्रत्येक श्रावक श्राविका को मंदिर जी में दर्शन के समय शुद्ध मास्क तथा सोश्यल डिस्टेसिंग का पालन अनिवार्य होगा। श्रावकगण पर्यूषण पर्व के दौरान मंदिर जी में दर्शन के अलावा नही रूक सकेंगे।
उपरोक्त नियम शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के साथ चंद्रप्रभ नसिया में भी लागू होगे। वही इन सभी नियमो को पालन समाज के प्रत्येक सदस्य द्वारा अनिवार्य रूप से किया जायेगा।
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