फर्जी एनकाउंटर करने वाले दो पुलिस आरक्षकों को न्यायालय द्वारा दिया गया
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - आजीवन कारावास अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि दिनांक 02.07.2007 को दिन के करीब 03ः30 बजे फरियादी टिटु ने पुलिस थाना मेघनगर में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह ग्राम झायड़ा मे ंरहता है उसका भाई रमेश, उसकी पत्नी वेसाबाई और सोभान बारिया निवासी मेहंदीखेड़ा के एक मोटरसायकल पर मेघनगर से झायड़ा जा रहे थे उनके पीछे-पीछे टिटु स्वयं तथा उसके साथ कटिया, पेमा वसुनिया और जेलु के साथ जा रहा था। रास्ते मे छोटा पुलिया और तिराहे के पास दो पुलिस वाले व एक जनता का आदमी उसके भाई रमेश को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे वेसा और सोभान भी वही थे उसी समय एक ठिगने कद के पुलिस वाले ने अपने पास की बंदूक से उपर हवा में गोली चलाई जो थोडे उंचे पर खड़े उसके भाई रमेश को गोली लगी। गोली लगते ही रमेश गिर पड़ा। गोली चलाने के बाद दोनों पुलिस वाले मेघनगर तरफ भाग गये उसने रमेश को देखा तो वह मर चुका था। फिर वह अपने साथ वाले कटिया और जेलु के साथ झायड़ा गया वहां घरवालों औेर गांववालें को घटना बताई फिर रमेश की लाश उन लोगों को दिखाई दोनें पुलिस वालों मे से एक लंबा-काला सा दुबला-पतला था जिसकी उम्र करीब 22-25 वर्ष तथा दूसरा पुलिस वाला ठिगने कद का दुबला-पतला रंग गौरा जिन्हें वह सामने आने पर पहचान लेगा। पुलिस थाना मेघनगर द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के पश्चात् अनुसंधान के दौरान आरोपीगण की पहचान हुई जिसमें आरक्षक/अभियुक्त धिरेंद्र एवं दूसरा रतनसिंह थे। अनुसंधान के दौरान साक्ष्यों की आई साक्ष्य के अनुसार आरोपी धिरेंद्र द्वारा मृतक रमेश पर अपनी शासकीय रायफल से गोली चलाई जाना पता लगा तथा आरोपी रतनसिंह का भी सामान्य आशय प्रतीत हुआ। पुलिस थाना मेघनगर द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध अनुसंधान पुर्ण कर तथा आरोपीगण शासकीय कर्मचारी होने के कारण पुलिस अधीक्षक, झाबुआ से अभियोजन की अनुमति प्राप्त कर अभियोग पत्र. माननीय सत्र न्यायालय मे पेश किया गया। माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश (श्री राजेश कुमार गुप्ता सा.) द्वारा विचारण के दौरान अभियोजन से आई साक्ष्य के आधार पर तथा एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या करने पर आरोपीगण धिरेंद्रसिंह पिता गुलाबसिंह मण्डलोई, पुलिस आरक्षक तथा रतनसिंह पिता काहरिया बारेला, पुलिस आरक्षक को धारा 302/34 भादवि के अंतर्गत दोषी मानते हुए दोनों आरोपीगण को आजीवन कारावास तथा 1000-1000 रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी जिला लोक अभियोजक, श्री आरीफ शेख द्वारा की गई। उक्त जानकारी मीडिया सेल प्रभारी, सुश्री सूरज वैरागी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी झाबुआ द्वारा दी गई ।
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