कलेक्टर श्री डॉड कृषि वैज्ञानिकों को साथ पहुंचे किसानो के खेतों में | Collector shri dad krishi vaigyanikon ke sath pahuche kisano ke kheto main

कलेक्टर श्री डॉड कृषि वैज्ञानिकों को साथ पहुंचे किसानो के खेतों में

कीचड़ भरे खेतों में पहुंचकर सोयाबीन फसल देखी, किसानों से चर्चा की

कलेक्टर श्री डॉड कृषि वैज्ञानिकों को साथ पहुंचे किसानो के खेतों में

रतलाम (यूसुफ अली बोहरा) - कलेक्टर श्री गोपाल डॉड गुरुवार को फसल निरीक्षण के लिए जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचे। उनके साथ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक तथा कृषि विभाग के अधिकारी भी थे। कलेक्टर ने किसानों के कीचड़ से भरे खेतों में पहुंचकर सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया। उपस्थित किसानों से चर्चा कर फसल का जायजा लिया।

कलेक्टर द्वारा ग्राम नगरा तथा शिवपुर में फसल की स्थिति देखी गई। मौजूद किसानों से चर्चा की। ग्राम नगरा में कृषक सेवाराम तथा ग्राम शिवपुर में कृषक राजेंद्र राठौड़ के खेत में सोयाबीन की फसल के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ मौजूद कृषि वैज्ञानिक डॉ. सर्वेश त्रिपाठी, डॉ सी.आर काटवा तथा उप संचालक कृषि श्री जीएस मोहनिया ने किसानों को इल्ली, सफेद मक्खी, पीले मोजैक तथा अफलन की समस्या के निराकरण हेतु दवाईयों की जानकारी के साथ ही आवश्यक सुझाव भी दिए गए।

निरीक्षण के दौरान सोयाबीन में तना छेदक इल्ली तथा सफेद मक्खी का प्रकोप पाये जाने पर समस्या निराकरण एवं नियंत्रण के लिए कृषक को मध्यम एवं देरी से पकने वाली सोयाबीन फसल में थायोमैथाक्जाम 12.6 प्रतिशत के साथ लेंमड़ासायहेलोथ्रीन 9.5 प्रतिशत का 125 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर के मान से छिड़काव करने की सलाह दी गई। सोयाबीन के कुछ खेतों में फफूंद जनित एंथ्रेक्नोज राईजोक्टोनिया एरियलब्लॉइट तथा राईजोक्टोनिया रूट रोट नामक बीमारी का भी आंशिक रूप से प्रकोप देखा गया। उस पर नियंत्रण के लिए टेबुकोनाजोल के साथ सल्फर 1 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करने की सलाह दी गई। कुछ स्थानों पर अफलन की समस्या भी देखी गई जिसका मुख्य कारण बीज दर का ज्यादा उपयोग, कीड़ों का आक्रमण और पोषक तत्वों की कमी होना वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया। उसके उपचार के लिए मोनोपोटैशियम फास्फेट 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालकर छिड़काव की सलाह किसान को दी गई।

कलेक्टर श्री डॉड ने निरीक्षण में किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि किसान अपनी फसल का बीमा अवश्य करवा लेंवे, बीमे की अंतिम तिथि आगामी 31 अगस्त है। कलेक्टर ने किसानों से कहा कि जिले की सभी बैंकों को निर्देशित कर यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी बैंक में किसानों को फसल बीमा करवाने में कहीं कोई दिक्कत नहीं आने पाए।

इस दौरान उप संचालक कृषि श्री मोहनिया ने किसानों को बताया कि फसल बीमा करवाने के लिए सोयाबीन का प्रीमियम प्रति हेक्टेयर 1040 रुपए है। अल्पकालीन फसल ऋण प्राप्त करने वाले किसानों की फसल का बीमा संबंधित बैंक द्वारा किया जाएगा। अऋणी कृषक जिसका बैंक में बचत खाता है अपनी फसल का बीमा, बैंक, लोकसेवा केंद्र एवं बीमा कंपनी के अधिकृत एजेंट के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज जैसे- फसल बीमा प्रस्ताव फार्म, आधार कार्ड, पहचान पत्र वोटर कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, समग्र आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, भू अधिकार पुस्तिका, पटवारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जारी बुवाई प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं

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