आज जो मुझे यह सम्मान मिला है, मुझे अकेले को नहीं बल्कि 22000 महिलाओं को मिला है : रूमा देवी
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - नेपानगर जागृति कला केंद्र द्वारा वर्ष 2020 का राष्ट्रीय स्तर का नारी शक्ति सम्मान वेबीनार के माध्यम से श्रीमती रूमा देवी को प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के शुभारंभ मैं संस्था के निदेशक मुकेश दरबार ने सभी अतिथियों का परिचय देकर स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि आज रूमा देवी को यह सम्मान देकर हम खुद सम्मानित हुए हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर प्रवीण सिंह एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने प्रतीक स्वरूप प्रशंसा पत्र व स्मृति चिन्ह देकर रूमा देवी को नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीमती चिटनीस ने कहा कि अब तक सुना था महिला तलवार पकड़ कर अपनी ताकत बताती है, अपने देश को बचाती है ,अपनी पहचान बनाती है। आज रूमा देवी ने अपने हाथों मैं सुई लेकर उनके क्षेत्र की पूरी महिलाओं को सशक्त किया है |रूमा देवी जी इस बात का प्रमाण है कि, जब कोई महिला आगे बढ़ती है तब वह अपने परिवार को ,अपने गांव को ,अपने क्षेत्र को सब को आगे बढ़ाती है। आज यह सम्मान रूमा देवी को देकर हम अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर प्रवीण सिंह ने अपने उद्बोधन राजस्थानी बोली मैं उक्त पंक्ति के साथ शुरू किया "छोटी सी उमर पढ़ नई रे बाबूसा, कई मय करियो कसूर" आपने अपने उद्बोधन में कहा कि आठवीं कक्षा तक पढ़ाई, छोटी उम्र में शादी ,विषम परिस्थितियों में जीवन, बाड़मेर जिले के छोटे से ढाणी में घूंघट प्रथा के साथ रहते हुए धूल भरी आंधियों में तेज तापमान इतनी विषम परिस्थितियों के बाद, आपने सुई को अपना हथियार बनाया और सुई धागे को अपने कपड़ों पर मड़ा और राजस्थान की हस्तशिल्प लोक कला की अलख जगाई तथा 22000 महिलाओं के जीवन की दशा बदल दी। आपने नारी शक्ति सम्मान पाने के लिए रूमा देवी को शुभकामनाएं देते हुए नेपानगर जागृति कला केंद्र के निदेशक मुकेश दरबार और उनकी टीम की प्रशंसा करी।
उक्त वेबीनार में अपने उद्बोधन में कला क्षेत्र से, सामाजिक क्षेत्र तथा अधिकारी गणों ने भी अपने विचार रखे। सर्वप्रथम मुंबई से अंतर्राष्ट्रीय कलाकार, कलाश्री डॉ.लता सुरेंद्र ने अपने विचार रखें। इसी श्रृंखला में राजीव शर्मा आईएएस, कमिश्नर हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट मध्य प्रदेश शासन भोपाल, नरेंद्र पटेल जिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, डॉ.दीपक खिरवड़कर निदेशक, एससी जेडसीसी संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, अजय उपाध्याय, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, मधुकर पवार सहायक निदेशक क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, सुमन कुमार पिल्लई जिला कार्यक्रम अधिकारी ने भी अपने विचार रखे।
मुख्य रूप से उपस्थित रूमा देवी ने उक्त अवसर पर कहा कि यह जो सम्मान आज मुझे मिला है मुझे अकेले को नहीं बल्कि 22000 महिलाओं को मिला है। यह सम्मान हमारा हौसला बढ़ाता है। उन्होंने अपना संबंध मध्यप्रदेश से होना भी बताया। उन्होंने विस्तार से अपने जीवन के संघर्ष की कहानी सुनाई। मात्र 17 वर्ष की उम्र में विवाह होने के बाद , पहली संतान को बीमारी के कारण खो दिया। क्योंकि अत्यंत गरीबी के कारण अपने संतान का इलाज नहीं करा पाई। पूर्व में मां को खो दीया और अब बेटे को , मैं टूट गई। फिर कुछ काम करने का सोचा ,लेकिन शिक्षा की कमी के कारण कुछ कर नहीं पाई। दादी से प्रेरणा ली। प्रारंभ में 10 महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाया ,सभी ने सो -सो रुपए इकट्ठा करके सेकंड हैंड मशीन खरीदी और काम शुरू किया। आज वही हस्तशिल्प कला हमारी पहचान बनी।
उक्त अवसर पर विक्रम सिंह राजस्थान फाउंडर एंड सेक्रेट्री जीवीसीएस राजस्थान ,कार्यक्रम अधिकारी दीपक पाटिल नागपुर, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जोगिंदर कौर जोली सहित संस्था के पदाधिकारी उपस्थित थे। वेबीनार का संचालन कार्यक्रम के सूत्रधार मुकेश दरबार ने किया।टेक्निकल सहयोग श्वेता तिवारी नागपुर का रहा। उक्त कार्यक्रम को नेपानगर जागृति कला केंद्र के फेसबुक पर लाइव भी दिखाया गया। अभी भी संस्था की फेसबुक पर इस कार्यक्रम को देखा जा सकता है।
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