सरकार की लापरवाही से एक मां को अपने बच्चे को लावारिस की तरह छोड़ना पढ़ा | Sarkar ki laparwahi se ek maa ko apne bachche ko lawaris
सरकार की लापरवाही से एक मां को अपने बच्चे को लावारिस की तरह छोड़ना पढ़ा
उज्जैन (रोशन पंकज) - किसी महिला के जीवन में कोई न कोई गंभीर कारण ही रहता होगा जो 9 माह तक शिशु को अपने शरीर में स्थान देने के बाद लावारिस हालत में छोड़कर चली जाये। ऐसी माताओं के लिये शासन स्तर पर पालना गृह बनाये गये हैं। सुबह लालपुर स्थित पालना गृह के पालने में एक मां अपनी नवजात बेटी को छोड़कर चली गई। पुलिस द्वारा मामले में जांच श्ुारू की गई है जबकि चाईल्ड हेल्पलाइन द्वारा बच्ची को चरक अस्पताल पहुंचाकर उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया।
यह था मामला : लालपुर स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित शासकीय बालगृह के बाहर लगे पालने में कोई महिला 7 दिन की मासूम बच्ची को छोड़कर चली गई। केयर टेकर प्रेमलता मेनगेट का ताला खोलने पहुंची तो उन्हें बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। वह अंदर गईं और चपरासी सत्यनारायण को बुलाकर लाई। दोनों ने बालगृह अधीक्षिका को फोन पर सूचना दी, जिसके बाद नागझिरी थाने से पुलिसकर्मी आये। नवजात बालिका को चरक अस्पताल लेकर गये, जहां डॉक्टर ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण और शिशु के स्वस्थ होने की जानकारी पुलिस को दी। अब पुलिस बालिका को पालने में छोड़कर जाने वाली मां की तलाश कर रही है।
पेट पर लगी अस्पताल की सील
सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाले शिशु के शरीर पर सील लगाई जाती है। जो नवजात बालिका पालने में मिली उसके शरीर पर नये कपड़े थे जिन्हें हटाकर केयर टेकर ने जांच की तो उसके पेट पर सरकारी अस्पताल की सील लगी थी जिससे स्पष्ट हुआ कि किसी महिला ने सरकारी अस्पताल में ही बालिका को जन्म दिया होगा।
डॉक्टर ने स्वस्थ बताया
शासकीय बाल गृह से नवजात बालिका को पुलिस के डायल 100 वाहन से चरक अस्पताल लाया गया। यहां मौजूद डॉक्टर ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया और उसे पूरी तरह स्वस्थ घोषित किया।
परिजनों की जानकारी जुटाना पुलिस का काम
सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष लोकेन्द्र शर्मा ने बताया कि पालना गृह के बाहर पालने में नवजात बालिका को छोड़कर कोई भी महिला गई हो उसकी या परिजनों की जांच करना पुलिस का काम है। हम लोग बालिका के स्वास्थ्य और आगे की शासकीय नियमानुसार कार्रवाई करते हुए कार्य करेंगे। नियमानुसार बालिका को छोड़कर जाने वालों की पहचान को गोपनीय रखा जाता है।
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