घर पर ही आकर्षक पूर्णतः स्वदेशी राखिया बनाई जा रही | Ghar pr hi akarshak purntah swadeshi rakhiya banai ja rhi
घर पर ही आकर्षक पूर्णतः स्वदेशी राखिया बनाई जा रही
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - लॉक डाउन एवं कोराना काल के चलते इस दौरान भाई की कलाई सूनी न हो इसलिए बहनों को ग्रामीण अंचल में आसानी से उपलब्ध होने वाली सामग्रियों से राखी बनाने के तरीके सिखाए जा रहे हैं। तथा राखी पर्व को देखते हुए ज्ञपरभिमन भारत स्वावलबी भारत के महामंत्र को अंगीकार करते हुए राखी बनाने की बारीकी जुगाड़ के सामान से बताई जा रही है। जिसमें छिंद के पत्ते, चावल, दाल,मोती, ऊनी धागा से साथ वेस्ट कपड़ों से राखी बनाई जा रही है। श्रीमती भारती सोनी द्वारा भी इस बार पूर्णतः स्वदेशी राखियो के इस्तेमाल को लेकर वातावरण बनाया जारहा है तथ उनके द्वारा इसके लिये बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया जारहा है । ग्रामीणों का कहना है कि लॉक डाउन में जब लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं और जिले में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद गा्रमवासी भी शिद्दत साथ उनके बच्चों के द्वारा गांव में पहुंच कर राखी बनाने का जो हुनर सिखाया जा रहा है वह काबिले तारीफ है। झाबुआ नगर में भी कई घरो मे आत्म निर्भर भारत के सन्देश को शिरोधार्य करत हुए घर पर ही आकर्षक पूर्णतः स्वदेशी राखिया बनाई जारही है इस बार झाबुआ वासियो ने चीन मेब नी राखियो का पूरी तरह बहिस्कार करने का संकल्प ले रखा है । हालाकी नगर मे राखियो की दुकाने सजना शुरू हो चुकी है किन्तु इनमे भी अधिकांश राखिया स्वदेशी ही दिखाई दे रही हे । इस बार का रक्षाबंधन पर्व आत्म निर्भर भारत के संकल्प को साकार करने वाला दिखाई दे रहा है ।
Comments
Post a Comment