धूमकेतु का उदय राजनैतिक उथलपुथल का कारण बनेगा-आचार्य ऋषभचंद्र सुरीश्वजी | Dhamketu ka uday rajnetik utyalputhal ka karan banega

धूमकेतु का उदय राजनैतिक उथलपुथल का कारण बनेगा-आचार्य ऋषभचंद्र सुरीश्वजी 

धूमकेतु का उदय राजनैतिक उथलपुथल का कारण बनेगा-आचार्य ऋषभचंद्र सुरीश्वजी

राजगढ़/मोहनखेड़ा (संतोष जैन) - दो धूमकेतु का उदय अनेक देश प्रदेश की सरकारों मे विग्रह उत्पन्न करने वाले हैं । नासा की अंतरिक्ष रिपोर्ट के अनुसार दो धूमकेतु मई माह से तीव्र गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहे थे और
14 जुलाई 2020 से पश्चिम उत्तर दिशा में संध्या के समय उदय हो गये हें जो सूर्यास्त के समय दिखाई दे रहे हैं व 20 दिन तक दिखाई देते रहेंगे । प्राचीन भारतीय ज्योतिष के वैदिक विद्वान आचार्य वाराह मिहिर द्वारा अपनी ज्योतिष कृति बृहत्संहिता के 11 वें अध्याय में लिखे अनुसार
ये धूमकेतु विश्व में महामारी, बाढ़, अवर्षा, बर्फबारी के प्रकोप के साथ में अनेक राजनीतिक दलों की लड़ाई और बड़े देशों में युद्ध की ओर इशारा करते है । बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में बड़ी राजनैतिक उथलपुथल को भी इंगित किया है । लोगों के अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित होने की बात कहते है। बड़े बांधो की दुर्घटना व बाढ़। नेपाल, चीन, बांग्लादेश,पाकिस्तान जैसे पडोसी देश, ब्रिटेन, अमेरिका भी इससे प्रभावित होगे।
नवंबर में मकर राशि में प्रवेश करने वाले गुरु के वजह भारत के अनेक सत्तारूढ़ दल विद्रोह की वजह सत्ताच्युत होगें। आचार्य वाराहमिहिर के अनुसार इस तरह के धूमकेतुओं के प्रभाव से बड़े भूकंप की घटनायें होती हैं, अधिकतम अठारह माह में जरूर घटित होता हैं । इन सब के बीच
अच्छी खबर यह भी है कि दूसरे कृतिका नक्षत्र मे उदय होने वाले धूमकेतु को रश्मि केतु से कृषि
क्षेत्र लाभान्वित होगा और दूसरे वसाकेतू के अनुसार अनिष्टकारी व उठापटक फल देने वाला है ।

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