बादलों की लुकाछुपी के बीच शहर में सजी ऑनलाईन संगीत महफ़िल, ओ घटा साँवरी, थोड़ी-थोड़ी बावरी | Badlo ki luka chhupi ke bich shahar main saji online sangeet mehfil

बादलों की लुकाछुपी के बीच शहर में सजी ऑनलाईन संगीत महफ़िल, ओ घटा साँवरी, थोड़ी-थोड़ी बावरी

बादलों की लुकाछुपी के बीच शहर में सजी ऑनलाईन संगीत महफ़िल, ओ घटा साँवरी, थोड़ी-थोड़ी बावरी

इंदौर। रविवार का दिन यादगार गीतों-गजलों के नाम रहा। बादलों की लुकाछुपी के बीच शहर में गीत-संगीत की ऑनलाईन महफ़िल सजी। इनमें शहर की खूबसूरत आवाज़ सरला मेघानी और सतीश केसवानी ने अपने फन की खूबसूरत बानगी पेश कर माहौल खुशनुमा बना दिया।कार्यक्रम में कलाकारों ने बरसात से जुड़े गीत खासतौर पर पेश किए।संस्था सुरीली उड़ान और म्यूजिक अफेयर्स ने ऑनलाइन महफ़िल "ओ घटा सांवरी शीषर्क से सजाई गयी।आयोजक राम मेंघानी और कविता केसवानी ने कलाकारों का स्वागत किया। सावन के रिमझिम मौसम में बारिश के नग़मों से सजी महफ़िल में हज़ारों लोगों ने इसका लुत्फ उठाया। सिंगर्स सरला मेंघानी और सतीश केसवानी ने 11 गीतों का एक खूबसूरत गुलदस्ता पेश किया। सरला मेंघानी ने मजरूह सुल्तानपुरी का नग़मा लता मंगेशकर की आवाज़ में टाइटल सांग ओ घटा सांवरी सुनाकर महफ़िल को यादगार बना दिया।गायिका सरला ने उम्दा सुर व गायिकी के जलवे बिखेरे।सरला मेघानी ने "सुनो सजना पपीहे ने,बहता है मन कहीं,हाय हाय ये मजबूरी और ओ सजना बरखा बहार आई" गीत पेश कर अपने फन की खूबसूरत बानगी पेश कर माहौल बना दिया। सतीश केसवानी ने सावन के महीने में, लहरों पे लहर कलियाँ है जहाँ और ये रात ये चांदनी फिर कहाँ और माना हो तुम बेहद हसीं जैसे बेहतरीन गीत सुनाये-


युगल गीतों में "ये रातें ये मौसम नदी का किनारा" और "मुझको तुम जो मिले ये जहाँ मिल गया गाकर ख़ूब तारीफ बटोरी। मोना ठाकुर ने लाजवाब अंदाज़-ए-बयां से महफ़िल को ऊंचाई दी। आयोजक राम मेंघानी ने बीच में गीतों से संबंधित प्रश्न के जवाब को बहुत रोचक ढंग से देकर पारिवारिक माहौल बना दिया। इस फेसबुक लाइव प्रोग्राम को सिंगर्स और अच्छे गीतों को  चाहने वाले सैकड़ो संगीत प्रेमियों ने देखा और सुंदर कमेंट्स भेजकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।
आयोजक राम मेंघानी और कविता केसवानी ने बताया कि आगे भी हम इस तरह के आयोजन शहर के प्रतिष्ठित सिंगर्स को लेकर करते रहेंगे।

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