आपसी हित साधने के लिए परियोजना की इकाइयों का किया जा रहा (केपिटल ओवर हालिन्ग) वृहद संधारण | Apsi hit sadhne ke liye pariyojna ki ikaiyo ka kiya ja rha

आपसी हित साधने के लिए परियोजना की इकाइयों का किया जा रहा (केपिटल ओवर हालिन्ग) वृहद संधारण

परियोजना मे इकाइयां विधुत नियामक आयोग के मापडंडो पर चली हीे नही फिर भी इकाइयों का किया जा रहा करोड़ो खर्चकर केपिटल ओवर हालिन्ग

2 जून को ट्रिप होकर बंद हुई थी इकाई क्रमांक .एक

आपसी हित साधने के लिए परियोजना की इकाइयों का किया जा रहा (केपिटल ओवर हालिन्ग) वृहद संधारण

मान्धाता (सतीश गम्बरे) - संत सिंगाजी पावर परियोजना मे प्लांट के  नही चलने के बावजूद भी इकाइयों के वृहद  संधारण  का काम जोरो पर चल रहा है इकाई क्रमांक एक एवं इकाई दो के बायलर टरबाइन के वृहद संधारण का ठेका बी .एच .ई .एल  को मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने  करीब साढ़े चार करोड़ मे दिया गया है 2 जून को इकाई नंबर एक के ट्रिप होकर के बंद होने के बाद से उसकी केपिटल ओवर हालिन्ग का काम किया जा रहा है जल्द ही इकाई नंबर 2 को भी बंद कर ओवर हालिन्ग किया जाना है   इकाइयों के संधारण के काम के किए भेल   द्वारा विश्वास एवं अन्य कंपनियो को पेटी  कांट्रेक्ट पर कार्य दिया गया है इकाई नंबर एक का कार्य पूरा कर उसे  31जुलाई तक बिजली उत्पादन के लिए तैयार करना था लेकिन इकाई का संधारण कर रही कंपनी के मजदूरो को कोरोना पाजेटिव पाए जाने के बाद काम बंद होने से अब तक इकाई को दुरुस्त नही किया गया है मशीनरीयां खुली पड़ी है इकाई बंद  है जिस कारण कंपनी को करोडो रूपयो  बिजली की उत्पादन  प्रदेश में वर्षा न होने से बढ़ी मांग के समय ठप्प रहने से  करोड़ों रु की हानि  हो रही है 

अगर प्लांट विद्युत  नियामक आयोग के 85 % PLF के मापदंडों तक वर्ष भर  चलती तब माना जाता की उपकरणो को दुरुस्त करने की आवश्यकता है बगेर चले तो हम दुपहिया और चारपहिया वाहनों की ओवर हालिन्ग तक नही करवाते यहां तो अरबो की नवीन यूनिटें जिनकी मशीनरीयां खोल कर  रखी है इकाई नंबर एक बंद पड़ी  है  कोरोना संक्रमण प्लांट की परिधि तक पहुंच चुका है इकाई मे कार्य कर रहे छः लोग पॉजिटिव  पाये गए और 19 लोगो को क्वारंटाइन  किया गया है तथा  इकाई ओवरहालिंग के नाम पर अब तक खुली पड़ी है काम करने और करवाने वाले  बगलें झांक रहे है।

इकाइयां पूरे साल अपनी पूरी क्षमता  से चली ही नही तो करोडो किस बात पर खर्च !!!

परियोजना के 1200 मेगावाट की दोनौ इकाइयां पूरे साल मे जब  अपनी पूरी क्षमता के साथ चली ही नही तो ये केपिटल ओवर हालिन्ग किस बात की

इन दोनो इकाइयों का वर्ष 2019-20  का सालाना PLF(प्लांट लोड फेक्टर ) मात्र 40.61%  ही रहा यानी की इकाइयां पूरे साल अपना सौ फीसदी नही दे पाई  अपनी पूरी क्षमता का 40% ही उत्पादन किया है  इन नवीनतम इकाइयों को निरन्तर फुल लोड पर लंबे समय तक  चलाया ही नही गया तो इनके कौन से पार्ट्स खराब हुए जो  COH (कैपिटल ओवर हालिंग) कराना पड़ रहा है विदित  हो की परियोजना के निर्माण के समय आपसी हित साधने के लिए  कंपनी की स्टोर  नियमावली दर किनार कर बी .एच .ई .एल के मटेरियल इंस्पेक्शन नोट नही बना कर उसे सीधे सीधे  लाभान्वित किया गया  जिस कारण गुणवत्ताहीन  मटेरियल को रोका ना जाकर   सीधे इकाइयों मे लगा दिया गया इसी कारण  इकाइयां फूल लोड पर आते ही दम तोड़ देती है यही कारण है की छः साल बीत जाने के बाद भी अब तक इकाइयो का पी .जी टेस्ट (परफार्मेंस गारंटी टेस्ट )  नही कराया जा सका यह काम भी बी एच ई एल को देना  कही यह मात्र साफ सफाई कर के  ओवर हलिन्ग के नाम पर शासन के रुपयो की बंदर बाट कराना तो नही नए नवेले प्रमुख ऊर्जा सचिव एवं ऊर्जा मंत्री को सिंगाजी ताप बिजली घर मे कोयले की डिजाइन के मापदंडों से 20 से 25% ज्यादा  ख़पत और  कम पी एल एफ में चली यूनिटों के संधारण  मामले को गहराई से समझने की आवश्यता है   जिससे कंपनी को करोड़ों रुपये नकदी खर्च के साथ साथ करोडो रुपयो की   उत्पादन  हानि को भी बचाया जा सकता है

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