पैतृक जमीन पर 17 साल से दबंगों का कब्जा | Petrak jameen pr 17 saal se dabango ka kabza
पैतृक जमीन पर 17 साल से दबंगों का कब्जा
दबंगों से परेशान शिक्षक अपनी पत्नी के साथ इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने कलेक्टर को दिया आवेदन
निजी भूमि को कब्जे से मुक्त कराने कई बार की लिखित शिकायत,
प्रशासन ने 2003 से आज तक नहीं की कार्यवाही
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - डिंडौरी जिले के करंजिया ब्लॉक के पिपरखुट्टा गांव निवासी शिक्षक राधेलाल यादव ने पत्नी ज्योति यादव सहित कलेक्टर बी. कार्तिकेयन से लिखित रूप में इच्छा मृत्यु की मांग की है। शिक्षक ने बताया कि गांव में उनकी पैतृक जमीन है, जिस पर स्थानीय दबंगों ने 2003 से कब्जा कर रखा है। वह कई बार प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराकर कार्यवाही की मांग कर चुके हैं, लेकिन 17 साल से कोई एक्शन नहीं लिया गया। अंतत: परेशान होकर शिक्षक गुरुवार को अपनी पत्नी के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे और इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी। इस विषय में फिलहाल कलेक्टर का कोई पक्ष सामने नहीं आया है।
विरोध जताने पर मिलती है जान से मारने की धमकी
सरकारी सिस्टम से हताश व दबंगों से परेशान शिक्षक की पत्नी ने भी कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग की है। दोनों ने इच्छा मृत्यु के लिए कलेक्टर के नाम आवेदन दिया है। शिक्षक राधेलाल ने बताया कि जिन दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्ज़ा किया है, वह गांव का संपन्न और बड़ा परिवार है। लिहाजा विरोध करने पर सभी लोग एकजुट होकर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। सभी लोग अपशब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी देते हैं। शिक्षक ने जमीन पर अवैध कब्ज़े की शिकायत स्थानीय से लेकर जिला प्रशासन स्तर तक कई बार की है, लेकिन हर बार नतीजा सिफर रहा। आवेदन में शिक्षक ने जिक्र किया कि दबंगों की हरकतों से पति-पत्नी मानसिक रूप से टूट चुके हैं। 17 साल गुजर जाने के बाद भी सुनवाई नहीं होने पर उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है।
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